लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में नशे के कारोबार पर पुलिस शिकंजा कसने को तैयार है। बीते कुछ सालों में हुई नशा तस्करी के ट्रेंड को देखते हुए पुलिस की तरफ से एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। नशा कहां से आ रहा है? कैसे आ रहा है? किन रस्तों से आ रहा है? इसके लिए पुलिस की तरफ से इसका रूट मैप तैयार किया गया है। एंटी नारकोटिक्स फोर्स और पुलिस ने इसे लेकर काम शुरू कर दिया है, ताकि नशे के काले धंधे को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सके।

इसलिए की गई मैपिंग

दरअसल, पकड़े गए कई नशा तस्करों से पूछताछ में सामने आया है कि नशा सप्लाई अधिकतर दूसरे राज्यों से होती है। इनमें सबसे अधिक उड़ीसा-झांसी रूट से गांजा की तस्करी होने की बात सामने आई थी। साथ ही नेपाल बॉर्डर से चरस अन्य नशीले पदार्थ तस्करी कर लाए जा रहे हैं। जिसे लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। इतना ही नहीं बीते कुछ महीनों में एंटी नारकोटिस टास्क फोर्स और एसटीएफ भी कई नशा तस्करों को नशे की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार कर चुकी है।

इन रूटों से सबसे ज्यादा सप्लाई

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, नाइट क्लब, पब, बार जैसी अन्य कई जगहों पर हेरोइन की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। इसकी सप्लाई म्यांमार, बांग्लादेश से वेस्ट बंगाल, मिजोरम, असम, बिहार के रास्ते यूपी और फिर यहां से अलग-अलग शहरों में होती है, जबकि गांजा की सबसे ज्यादा सप्लाई उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से होती है। उड़ीसा के भवानीपटना, नाल्को सोनपुर और छत्तीसगढ़ के बरगढ़ से होते हुए मध्य प्रदेश और फिर झांसी के रास्ते यहां तक आती है।

नेपाल चरस का सबसे बड़ा सेंटर

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशा तस्करों से पूछताछ में सामने आया कि चरस की सप्लाई का सबसे बड़ा सेंटर नेपाल बॉर्डर है। नेपाल के बढ़नी, सुनौली, बीरगंज बॉर्डर से इसकी सप्लाई होती है, लेकिन लगातार लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस, एनसीबी और एसटीएफ लगातार की कार्रवाई के बाद से काफी हद तक नशे पर कंट्रोल पाया जा सका है। एंटी नारकोटिक्स फोर्स के डीआईजी अब्दुल हमीद ने बताया कि पिछले एक साल में 6500 किलो से अधिक नशा पकड़ा जा चुका है। नशा तस्करों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है।

ऐसे होगा काम

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशे पर कंट्रोल पाने के लिए कई रूटों की मैपिंग की जा रही है। इसके जरिए जिन रूट से सबसे ज्यादा नशा सप्लाई किया जा रहा है उन जगहों पर पुलिस की मुस्तैदी के साथ-साथ एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इस मैपिंग के तहत तस्करों द्वारा अपनाए जाने वाले रास्तों, तरीकों और उनकी उस सेटिंग को सुनिश्चित कर लिया गया है, जिसके आधार पर तस्कर बेखौफ काम करते हैं, साथ ही कई तस्कर की सूची तैयार की गई है।

यह भी जानिए

- नशे पर कंट्रोल के लिए पब्लिक सहयोग भी जरूरी

- तस्करों की बनाई गई लंबी चौड़ी लिस्ट

- नशे पर लगाम कसने के लिए चलाया जा रहा अभियान

-अधिकतर रूटों की मैपिंग की गई तैयार