लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए आरडीएसएस योजना पर फोकस किया गया है और इसके अंतर्गत 13632 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मध्यांचल समेत सभी अन्य डिस्कॉम के लिए धनराशि जारी भी कर दी गई है। उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने बुधवार को समीक्षा बैठक कर योजना की प्रगति जानी।

पांचों डिस्कॉम को 29 पैकेज दिए गए

इस योजना के अंतर्गत सभी पांचों डिस्कॉम पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल और केस्को के लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आठ कलस्टर के लिए 3842.41 करोड़, मध्यांचल के लिए 3303.70 करोड़, पश्मिांचल के लिए 2764.33 करोड़ और केस्को के लिए 474.73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैैं।

ये कार्य होने हैैं

-ट्रिपिंग की समस्या को दूर करने के लिए लाइन शिफ्टिंग

-ट्रांसफॉर्मर लोड बैलेंसिंग

-नये सबस्टेशन स्थापित किया जाना

-पुराने सबस्टेशंस की क्षमता बढ़ाया जाना

-नए कनेक्शनों की संख्या बढ़ाया जाना

-विस्तारित क्षेत्रों में लाइन खींचा जाना

-कॉमर्शियल लाइन लॉस को कम करना

योजना में तेजी लाने के निर्देश

उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने बुधवार को शक्ति भवन में आरडीएसएस योजना में चल रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए उसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रदेश की बिजली व्यवस्था में बेहतर सुधार होने हैैं। यह योजना वितरण कंपनियों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार लाने पर बेस्ड है। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्धारित समय पर सभी कार्य पूरे किए जाएं, इसके लिए सतत मॉनीटरिंग की जाए।

परियोजना में तेजी लाई जाए

उन्होंने जवाहरपुर एवं ओबरा परियोजना के निर्माण में तेजी लाने के लिए निर्माण में लगी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भी समीक्षा बैठक की। उन्होंने वर्तमान कार्य स्टेटस को लेकर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि परियोजना के निर्माण में हो रहे विलंब से प्रदेश की बिजली उपलब्धता बढ़ाने में कठिनाई होती है। आगामी महीनों में गर्मी बढ़ेगी, ऐसे में बिजली उपलब्धता बढ़ाने के लिए उत्पादन इकाईयों का समय से उत्पादन शुरू करना आवश्यक है।