LUCKNOW: प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये यश भारती पुरस्कार के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने यश भारती पुरस्कार को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की थी। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कई बिंदुओं पर सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस ए पी शाही और जस्टिस एआर मसूदी की बेंच ने सरकार से पुछा है कि ये पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा किस वित्तीय मद से दिए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने पुरस्कार देने के लिए निर्धारित अर्हता और चयन के लिए अपनाये जाने वाली प्रक्त्रिया के बारे में भी जानकारी मांगी है। अपनी पीआईएल में अमिताभ ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने पहले 22 नाम घोषित किये थे बाद में 12 -12 नामों को दो बार जोड़ कर कुल 46 लोंगों को इसके लिए चुना था। लिस्ट में चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन की वाइफ सुरभि रंजन भी शामिल थीं, जिन्हें पुरस्कार दिया गया। अमिताभ ठाकुर का आरोप था कि यश भारती के लिए लाभार्थियों का चयन मनमाने ढंग से किया गया। ऐसे में पूरी प्रक्रिया को कैंसिल करते हुए दोबारा पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से अपनायी जाए।

चीफ सेक्रेटरी की फाइल भी तलब

चीफ सेक्रेटरी के एक्सटेंशन से जुड़ी एक अन्य पीआईएल में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पत्रावली तलब की है। जस्टिस ए पी शाही और जस्टिस ए आर मसूदी की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए अगली तारीख आठ अप्रैल तय की है। यह पीआईएल अमिताभ ठाकुर की पत्‍‌नी नूतन ठाकुर ने दायर की थी।