- 12 ब्लड बैंकों में छापे, मिली खामियां

-ड्रग इंस्पेक्टर ने एफएसडीए प्रशासन को भेजी रिपोर्ट

-बिना बीपी और वेट मशीन ही निकाला जा रहा था ब्लड

LUCKNOW:

पिछले दो माह में फूड सेफ्टी ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) के ड्रग इंस्पेक्टर्स ने औचक निरीक्षण कर एक दर्जन से अधिक ब्लड बैंकों में खामियां पकड़ी हैं। इन ब्लड बैंकों के खिलाफ एक्शन की संस्तुति ड्रग कंट्रोलर से की गई है।

नहीं मिले जरुरी उपकरण

अप्रैल और मई माह के दौरान की गई इस चेकिंग में सामने आया कि कई ब्लड बैंकों में जांच के लिए बेसिक एक्विपमेंट तक नहीं हैं। कहीं बीपी मशीन खराब है तो कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर काम नहीं करता है। डॉक्टर तो छोडि़ए अगर ब्लीडिंग के समय कोई परेशानी हो जाए तो दवाएं तक यहां मौजूद नहीं मिलीं। कई जगहों पर भीषण गंदगी के बीच खून निकालने का यह खेल चलते मिला। यही नहीं कुछ जगहों पर तो डोनर की डिटेल भी रिकॉर्ड में नहीं मौजूद दिखाई दी।

ब्लड बैंक में एसी तक नहीं

जीसीआरजी ब्लड बैंक में एयरकंडीशनर की सुविधा नहीं थी। डोनर का वजन नापने के लिए वेट डिवाइस भी नहीं मिली। यहां मौके पर एक भी युनिट ब्लड नहीं मिला। निदान ब्लड बैंक में भी एसी नहीं था। साथ ही गंदगी के बीच खून निकालने, स्टोर करने का काम वहां किया जा रहा था।

पता नहीं कहां से निकाला खून

जीसीआरजी, कैरियर, निदान, फहमीना, बीएनके सहित कई ब्लड बैंकों में किस जगह से खून निकाला गया (वेनीपंक्चर साइट) इसकी जानकारी मेनटेन नहीं की गई। जबकि रजिस्टर में यह दर्ज करना आवश्यक होता है कि कौन सी वेन से डोनेशन कराया गया।

इनकी हुई जांच

कैरियर, बीएनके, संजय गांधी, इंदिरा डायग्नोस्टिक, नोवा, फहमीना, निदान, जीसीआरजी, फातिमा, सेंट जोसेफ, डिवाइन और मेडिसन ब्लड बैंक।

लगभग एक दर्जन ब्लड बैंकों में निरीक्षण किया गया है। कुछ कमियां मिली हैं जिनकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है।

रमाशंकर, ड्रग इंस्पेक्टर, लखनऊ