लखनऊ (ब्यूरो)। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को अब लाइन में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल, यहां पर आधार कार्ड को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा शुरू की गई है। ऐसे में मरीजों का समय बचेगा और वो जल्द डॉक्टर को दिखा सकेंगे, जिससे उनको बड़ी राहत मिलेगी।

स्कैनर से बनेगा पर्चा

बलरामपुर अस्पताल में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज दिखाने आते हैं। जिसमें कई मरीज ऐसे होते हैं जो अपना नाम और पता आदि नहीं बता पाते। जिससे उनका पर्चा बनाने में कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, दूसरे मरीजों को अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए यहां की ओपीडी में 10-15 स्कैनर लगाए गए हैं, जिससे मरीज का आधार कार्ड स्कैन किया जाएगा और उसी से मरीज का नाम, पता और मोबाइल नंबर लेकर तुरंत पर्चा बन जायेगा।

सुविधाएं भी बढ़ा रहे

अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए दो नई लिफ्ट भी लगाई जा रही हैं। इनमें से एक न्यू प्राइवेट वार्ड और एक न्यू बिल्डिंग में लग रही है। इसके अलावा रेनोवेशन का काम भी चल रहा है, ताकि अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके।

ओपीडी में स्कैनर लगाया गया है, जिससे आधार कार्ड को स्कैन कर पर्चा बन जाएगा। इस सुविधा की वजह से मरीजों को लाइन में कम समय लगेगा।

-डॉ। अतुल मेहरोत्रा, सीएमएस, बलरामपुर अस्पताल

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केजीएमयू शिक्षक भर्ती का रास्ता आसान

केजीएमयू में 141 पदों पर शिक्षक भर्ती विज्ञापन में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगा था। जिसकी शिकायत शासन से भी हुई थी। मामले को लेकर शासन स्तर से कमेटी बनाई गई थी। जिसके बाद भर्ती की अड़चने दूर होने की राह आसान हो गई है। शासन ने आरक्षण संबंधी मसले पर क्लीन चिट दे दी है। इससे केजीएमयू प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी गई

मामले को लेकर 30 नवंबर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देवेंद्र कुमार सिंह, केजीएमयू कुलसचिव रेखा सिंह चौहान, फिजियोलॉजी विभाग के डॉ। संदीप भट्टाचार्य और अनुभाग अधिकारी आशीष शर्मा शामिल हुए थे। अफसरों ने सभी नियम और दस्तावेजों का परीक्षण किया। केजीएमयू अफसरों ने बैठक में बताया कि 28 अप्रैल को संशोधित विज्ञापन में सभी आपत्तियों को दूर करते हुए शुद्धि पत्र भी प्रकाशित किया जा चुका है। बैठक की बिंदुवार रिपोर्ट राजभवन को भेज दी। पत्र में साफ कहा गया है कि उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार भर्ती विज्ञापन में किसी प्रकार की कमी प्रतीत नहीं होती है।