लखनऊ (ब्यूरो)। गर्मी से होने वाली बीमारियों से पीडि़त लोगों के उपचार के पुख्ता इंतजाम किये जायें। सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से बेड आरक्षित किये जायें। इमरजेंसी में तीन से चार बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित करें, ताकि रोगियों को उपचार के लिए इंतजार न करना पड़े। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोमवार को सभी जिलों के सीएमओ और अस्पताल के सीएमएस को निर्देशित किया।

अलग वार्ड बनाया जाये

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सरकारी अस्पतालों में डायरिया, उल्टी, बुखार, पेट दर्द समेत दूसरी समस्याओं से पीडि़तों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। लक्षणों के आधार पर रोगियों को अलग वार्ड में भर्ती किया जाये। इसके लिए प्रत्येक अस्पताल की इमरजेंसी में बेड आरक्षित हो। साथ ही 10 से 15 बेड का अलग वार्ड बनाया जाये, ताकि मरीजों की निगरानी ठीक हो सके। आईसीयू में भी कम से कम दो बेड रिजर्व रखें।

दवा और बाकी इंतजाम पूरे रखें

इसके अलावा ग्लूकोज, उल्टी, पेट दर्द, गैस संबंधित बीमारियों के उपचार की दवाओं का स्टॉक जुटा लें। सभी अस्पतालों में रोगियों को गर्मी से बचाव का इंतजाम करें। पंखे, कूलर, एयर कंडीशन आदि की व्यवस्था दुरुस्त रखें। वॉटर कूलर पर्याप्त मात्रा में लगाये जायें, ताकि रोगियों को ठंडे व स्वच्छ पानी के लिए परेशान न होना पड़े। फिलहाल हीट वेव से निपटने की पुख्ता तैयारी है। एडवाइजरी जारी कर दी गई है। डॉक्टर और कर्मचारियों को अलर्ट मोड में रहने की हिदायत दी गई है, ताकि हर स्थिति से निपटा जा सके।

ताकि कम किया जा सके हीट वेव का खतरा

हीट वेव से जनमानस की सुरक्षा के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियमि 2005 के अंतर्गत जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण लखनऊ का गठन किया गया। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि अत्यधिक गर्मी होने पर हमारी मांसपेशियों का तापमान अधिक बढ़ जाता है तथा तापमान अनियंत्रित हो जाने पर लू अथवा हीट वेव का प्रकोप प्रभावी हो जाता है। डीएम ने बताया कि हीट वेव से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं।

ये करें

-गर्म हवा की स्थिति जानने के लिए रेडियो सुनें, टीवी पर समाचार सुनें।

-पानी ज्यादा पीएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

-सूती वस्त्र पहनें।

-धूप में बाहर जाने से बचें, अगर बहुत जरूरी हो तो धूप के चश्में, छाता, टोपी एवं जूते या चप्पल पहनकर ही घर से निकलें।

-यात्रा करते समय अपने साथ बोतल में पानी जरूर रखें।

-ओआरएस का घोल पीएं। अन्य घरेलू पेय जैसे नींबू पानी, कच्चे आम का पना, लस्सी आदि का प्रयोग करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

-गर्मी से उत्पन्न होने वाले विकारों, बीमारियों को पहचानें।

-जानवरों को छायादार स्थानो में रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी दें।

ये न करें

-बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाडिय़ों में न छोड़ें।

-दोपहर 11 बजे से तीन बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें।

-गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।

-जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।

-अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियों खोल दें।

-शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक आदि का उपयोग करने से बचें।

-दिहाड़ी मजदूरों से दोपहर में काम न कराएं।