नंबरगेम
- 4545 ऑटो
- 3000 टैम्पो
- 8000 से अधिक ओला, उबर
- 500 बाइक टैक्सी
- 4 लाख 20 हजार ट्रक, बस और अन्य वाहन
- शासन स्तर पर बन रही है योजना
- शहर में साढ़े चार लाख वाहन मालिकों को मिलेगा फायदा
- जिनकी धनराशि जमा, उसे आगे किया जाएगा एडजेस्ट
LUCKNOW : ऑटो हो या प्राइवेट बस, ओला उबर हो या फिर कोई अन्य कामर्शियल वाहन लॉकडाउन की अवधि में इन वाहनों का संचालन पूरी तरह से ठप है। इसके चलते इन वाहनों के संचालकों की किसी तरह की कमाई नहीं हो रही है। ऐसे में इन्हे रोड टैक्स में छूट दी जाएगी। जितने दिन वाहन खड़े रहे हैं उतने दिनों का रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मामले में शासन स्तर पर फैसला लिया जाना है।
पूरी तरह से ठप है यातायात
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान यातायात पूरी तरह से ठप कर दिया गया है। इसकी वजह से कामर्शियल वाहन के संचालकों की कमाई भी पूरी तरह से बंद है। ऐसे में रोड टैक्स का भुगतान करना इनके लिए चुनौती बन गया है। इसे ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की अवधि के दौरान इन वाहन मालिकों को राहत देने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर शासन स्तर पर बैठक हो रही है। इसके साथ ही कई अन्य मामलों के भी फैसले होने हैं।
विभाग के साथ करेंगे बैठक
लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज दीक्षित के अनुसार लॉकडाउन खुलने के बाद रोड टैक्स कम करने को लेकर जिला प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। वाहन के ना चलने के कारण रोड टैक्स में छूट देने के प्रस्ताव को रखा जाएगा क्योंकि वाहन स्वामियों को रोड टैक्स, बीमा और किश्त का भुगतान भी करना होगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कामर्शियल वाहन संचालकों से 22 मार्च जनता कफ्र्यू के दिन से लॉकडाउन की अवधि तक टैक्स नहीं लिया जाएगा। वहीं किस वाहन में कितना टैक्स कम होगा अभी यह तय नहीं हुआ है।
कोट
जितने दिन वाहन खड़े रहेंगे, उतने दिन का टैक्स नहीं लिया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर फैसला लिया जाना है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अवधि डिसाइड होगी।
संजय तिवारी
एआरटीओ प्रशासन
आरटीओ ऑफिस ट्रांसपोर्ट नगर
परिवहन विभाग