23 लाख वाहन शहर में
4.00 लाख फोर व्हीलर सिटी में
19 लाख टू व्हीलर शहर में
84 हजार कामर्शियल वाहन भी
2500 रुपये पीयूसी ना मिलने पर जुर्माना
20 से 25 वाहनों के चालान कटे पॉल्यूशन पर हर माह
- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नहीं लग पा रही लगाम
- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नहीं लग पा रही रोक
- राजधानी में सबसे अधिक पॉल्यूशन वाहनों से निकलने वाले विषैले धुएं से
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- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नहीं लग पा रही लगाम
- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नहीं लग पा रही रोक
- राजधानी में सबसे अधिक पॉल्यूशन वाहनों से निकलने वाले विषैले धुएं से
LUCKNOW: lucknow@inext.co.in
LUCKNOW: स्मॉग पर दिल्ली से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक हाय-तौबा मची हुई है। स्मॉग के आगोश में समाए लखनऊ में पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला विषैला धुंआ है। शहर की सड़कों पर दस से क्भ् साल पुराने वाहन धड़ल्ले से फर्राटा भर रहे हैं, लेकिन इन पर लगाम लगाने वाले प्रवर्तन दस्ते कहीं गुम हो गए हैं। एक तरफ शहर में स्मॉग के कहर को रोकने के लिए सभी विभाग अपनी तरफ से जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, वहीं आरटीओ ऑफिस के प्रवर्तन दस्ते पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। यह हाल तब है जब खुद सीएम ने सभी विभागों को बुलाकर स्मॉग कम करने के निर्देश जारी किए हैं।
अभी धड़ल्ले से शहर में चल रहे टैंपो
डीजल टैंपो के खिलाफ पुलिस और आरटीओ प्रवर्तन दस्ते ने अभियान चलाया और एक दिन में 8भ् डीजल टैंपो बंद कर खानापूर्ति कर ली जबकि सरोजनीनगर, आलमनगर, चारबाग, चौक, राजाजीपुरम, कैसरबाग, तेलीबाग, चिनहट, बाराबिरवां सहित कई इलाकों में डीजल टैंपो के साथ ही डग्गामार वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके अलावा राजधानी में दस से क्भ् साल पुराने ही नहीं बल्कि ख्0 साल पुराने वाहन भी रोड पर दौड़ रहे हैं। इसके बावजूद वाहनों में पॉल्यूशन की जांच नहीं हो रही है।
सीएनजी से नहीं पेट्रोल से चल रहे वाहन
राजधानी में पैसेंजर्स ढोने वाले वाहनों को सीएनजी से चलने की छूट है जबकि सीएनजी स्टेशनों पर लगने वाली लाइनों से बचने के लिए राजधानी में कार टैक्सी पेट्रोल से वाहन चला रहे हैं। पेट्रोल से वाहन चलाने के कारण यह लोग अपने वाहनों की प्रदूषण जांच भी नहीं कराते हैं। यही हाल अन्य कामार्शियल वाहनों का भी है।
कोट
पॉल्यूशन रोकने के लिए कभी कोई स्पेसफिक अभियान नहीं चलता है। जब वाहनों की चेकिंग होती है तब भी उनसे पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट मांगा जाता है।
संजीव गुप्ता
एआरटीओ प्रवर्तन
इन रूटों पर धड़ल्ले से चल रहे हैं डीजल वाहन
- सरोजनीनगर से चारबाग
- चारबाग से अलीगंज
- चारबाग से चौक
- राजाजीपुरम से दुबग्गा और आलमनगर
- कैसरबाग से मडि़यांव, बीकेटी और इटौंजा
- चिनहट से माती, देवा रोड
- तेलीबाग से मोहनलाल गंज
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जिलाधिकारी ने लिखा पत्र
वाहनों से निकलने वाले विषैले धुंए को नियंत्रित करने को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र भी लिखा है। दो नवंबर को जिलाधिकारी ने स्मॉग को देखते हुए वाहनों से निकलने वाले धुंए की जांच के आदेश दिये। इसके बावजूद आरटीओ का प्रवर्तन दस्ते ने आंखे फेर रखी हैं।
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इसे भी जानें
हर माह राजधानी में बढ़ते वाहन करीब ख्भ्00
दस साल पुराने डीजल वाहन करीब ब्0 हजार
दस साल पुराने पेट्रोल वाहन करीब 7 लाख
आटो ब्फ्ब्फ्, टेंपो ख्भ्00, प्राइवेट सिटी बसें फ्ब्
कैब टैक्सी 7भ्00 और बाइक टैक्सी ख्80