लखनऊ (ब्यूरो)। इंस्पेक्टर विकास नगर आनंद कुमार तिवारी बताया कि विकास नगर के बटहा निवासी उमेश राजपूत ने तहरीर दी थी कि अलीगंज बनारसी टोला निवासी राजू वर्मा उर्फ राजू चक्की उससे रंगदारी मांग रहा है और रंगदारी न देने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। पुलिस ने उमेश राजपूत की शिकायत पर राजू चक्की को गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद जो सच सामने आया उससे विकास नगर पुलिस खुद चौंक गई।

चेहरा नहीं पहचानती थी पुलिस

पुलिस ने जब राजू चक्की को गिरफ्तार किया तो उसको छुड़वाने की पैरवी करने समाज के अहोदेदार लोग थाने पहुंचने लगे। जिस पर पुलिस को शक हुआ और उसके बारे में पड़ताल शुरू की। जांच में पता चला कि पकड़ा गया आरोपी राजू वर्मा वहीं राजू चक्की है जिसकी पुलिस को कई दिनों से तलाश थी। उसके खिलाफ सट्टïा खिलवाने को लेकर दर्जनों शिकायतें दर्ज हैं।

चक्की से सट्टïा किंग तक का सफर

इंस्पेक्टर आनंद कुमार तिवारी के अनुसार राजू वर्मा के पिता की एरिया में आटा चक्की थी। जिसमें वह पिता के साथ बैठता था, लेकिन जल्द पैसा कमाने के लिए उसने सट्टïा खेलना शुरू की और धीरे धीरे उसका गेम समझने के बाद खुद ही सट्टïा किंग बन गया। विकास नगर समेत आस-पास के इलाके में सट्टïा में उसका बड़ा नाम है। वह दो अंकों का सट्टïा खिलवाता है।

10 रुपये लगाओ 800 पाओ

एसआई जितेंद्र वर्मा के अनुसार राजू चक्की दो अंकों की पर्ची का सट्टïा खिलवाता था। 11 नंबर से लेकर 98 नंबर तक दहाई अंक पर पैसा लगाया जाता है। किसी एक नंबर पर 10 रुपये का सट्टïा लगता है। सट्टïे में जो नंबर खुलता है उस पर सट्टïा खेलने वाले को 10 रुपये के बदले 8 सौ रुपये मिलते हैं।

शाम 5 से 6 बजे के बीच खुलता है नंबर

पुलिस ने बताया कि पान की गुमटी, दुकान व अन्य सेंटर के अलावा कई अड्डे होते हैं, जहां पर लोग अपने अंक की पर्ची लिखकर दे देते हैं। जिनके पास पैसा जमा होता है वह सारी पर्ची सट्टïा किंग तक पहुंचा देता है। उस पर्ची से एक पर्ची निकाली जाती है और उसे उस दिन का लकी नंबर घोषित कर दिया जाता है। दिन पर कलेक्शन के बाद सट्टïे की पर्ची शाम 5 से 6 बजे खुलती हैैं।

मैच में भी लगवाता था सट्ट

विकास नगर पुलिस के अनुसार राजू चक्की पर्ची सट्टïा के अलावा जुआं व क्रिकेट मैच में भी सट्टïा लगवाता था। 45 वर्षीय राजू चक्की लंबे समय से सट्टïा लगता है जिसके चलते शहर में उसे सट्टïा किंग भी कहा जाता है। कई बार उसके ऊपर पुलिस का दबाव पड़ा तो वह एक डेढ़ महीने के लिए शहर छोड़कर गायब हो जाता था। मामला ठंडा होने पर वापस लौट कारोबार शुरू कर देता था।

किसी प्वाइंट पर 10 से 15 मिनट नहीं रुकता था

पुलिस के अनुसार राजू चक्की का सट्टïा का कारोबार केवल विकास नगर नहीं बल्कि शहर के कई इलाकों में फैला हुआ है। पुलिस से बचने के लिए वह किसी भी कलेक्शन सेंटर में 10 से 15 मिनट से ज्यादा नहीं रूकता है। कलेक्शन कर वह तत्काल वहां से निकल जाता था।