कलेक्ट्रेट में वकीलों की गुंडई

- एडीएम, एसीएम, पेशकार व कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

-देर से पहुंची पुलिस, आरोपी वकीलों को जबरन छुड़ा ले गए वकील

-कलक्ट्रेट और सभी पांच तहसीलों में आज काम काज ठप

LUCKNOW: वकीलों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट में जमकर तांडव मचाया। वकीलों का नाजायज काम करने से इंकार करने वाले बाबू की वकीलों ने जमकर पिटायी की। बीच बचाव के लिए पहुंचे एसीएम-3 अनिल कुमार को भी नहीं बख्शा और उन पर लात घूंसों की बारिश कर दी। तांडव यहीं नहीं रुका एडीएम पश्चिमी के साथ भी मारपीट की। एक घंटे तक चले तांडव में पुलिस नदारद रही। काफी देर बाद पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति पर काबू पाया। घटना के बाद पीसीएस एसोसिएशन और मिनिस्टीरियल एसोसिएशन ने दोषी वकीलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट सहित लखनऊ की सभी तहसीलों में हड़ताल की घोषणा क दी है।

जबरन जांच रिपोर्ट लगवाना चाहते थे वकील

कलेक्ट्रेट में दोपहर लगभग दो बजे एसडीएम सदर की कोर्ट में (रूम नंबर 3) में अनुराग त्रिवेदी सहित दर्जन भर अन्य वकील बाबू अमित सिंह व पेशकार नरेंद्र सिंह के पास कुछ फाइलें लेकर आए। आरोप है कि करोड़ों की जमीन के मामले में जबरदस्ती फाइलों पर जांच रिपोर्ट लगवाने का दबाव बना रहे थे। क र्मचारियों का आरोप है कि अमित ने चालान को लेकर जांच कराने की बात कही तो अनुराग, कुलदीप वर्मा व अन्य वकीलों ने अमित व नरेंद्र सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी। एसडीएम कोर्ट में मौजूद दीवान राजेश पांडेय की भी पिटाई कर दी। शोर शराबा सुनकर दूसरे वकील भी वहां पहुंच कर मारपीट में वह भी शामिहो गये।

एसीएम पर कुर्सी से हमला

हंगामा होता देख एसीएम-3 अनिल कुमार सिंह पहुंचे तो देखा कि वकील अनुराग त्रिवेदी सहित उसके साथी अमित सिंह, नरेंद्र सिंह और राजेश पांडेय की पिटाई कर रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि एसीएम ने मोबाइल निकालकर वीडियोग्राफी करने की कोशिश की जिससे वकील और भड़क गये और एसीएम की ही लात घूंसों से पिटाई कर दी। यही नहीं जब एसीएम 3 अनिल कुमार सिंह ने अपना परिचय दिया तो भी वे नहीं माने और कुर्सी से हमला कर दिया। एसडीएम के कमरे में पिटाई के बाद उन्हें घसीटते हुए बाहर लाकर भी पिटायी की।

एडीएम से भी की मारपीट

अपने जूनियर अधिकारी को पिटता देख एडीएम वेस्ट जय शंकर दुबे मौकेपर पहुंचे तो वकीलों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। इस पर उन्होंने वकील अनुराग त्रिवेदी व प्रसून को पकड़ लिया और सिटी मजिस्ट्रेट के कमरे में ले गए, लेकिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचे वकीलों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिस वालों के सामने ही वकीलों को छुड़ा ले गए। आरोप है कि चौकी इंचार्ज अनुराग की मदद से वकील भागने में कामयाब रहे। सूचना पुलिस के बड़े अफसरों को भी दी गई।

विरोध में हड़ताल की घोषणा

वकीलों के तांडव से नाराज अधिकारियों और कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट मे काम काज ठप कर दिया। काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। एडीएम ईस्ट, वेस्ट, एफआर, लैंड एक्वीजीशन और एसडीएम सदर राजकमल यादव सहित अन्य अधिकारी कलेक्ट्रेट में कई घंटे तक बैठक करते रहे और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई। जिसके बाद एसीएम-3 की तरफ से पुलिस को तहरीरी गई।

दोषियों की अरेस्टिंग की मांग

कलेक्ट्रेट के सभी एडीएम, एसडीएम, एसीएम व अन्य अधिकारियों ने कहा कि जब तक आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वे काम काज नहीं करेंगे। एडीएम प्रशासन हरिकेश चौरसिया व एडीएम फाइनेंस निधि श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले की जानकारी शासन स्तर के आला अधिकारियों को भी दे दी गई है। पीसीएस एसोसिएशन की एक बैठक भी तीन बजे कलक्ट्रेट में होगी।

तीन के खिलाफ एफआईआर

एसीएम थर्ड अनिल कुमार ंिसह व कलक्ट्रेट कर्मचारियों में अमित की तरफ से कलक्ट्रेट के अधिकारियों ने तीन आरोपी वकीलों के खिलाफ नामजद और दर्जन भर अज्ञात वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। साथ ही एसीएम व कर्मचारियों का मेडिकल भी कराया गया है। वहीं वकीलों ने भी थाने का घेराव किया और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे की तहरीर दी। दबाव में आकर पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा जिसे बाद में स्पंज कर िदया गया।

इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ मुकदमा

उधर पुलिस ने वकीलों ने एडीएम एफआर, एडीएम वेस्ट और एसीएम 3 के खिलाफ नामजद लूट की रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिससे अधिकारी भड़क गए और गिरफ्तारी देने के लिए डीएम कैंप आफिस पहुंच गए। जहां पर एसएसपी और डीएम मौजूद थे। देर रात तक आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी रहे।

हार्ट सर्जरी कराकर लौटे अनिल

एसीएम थर्ड अनिल कुमार सिंह पीसीएस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं और वह हार्ट के मरीज हैं। वकीलों ने उनकी जमकर पिटाई की है। यही नहीं 22 नवंबर को ही उनकी बाईपास सर्जरी हुई है। गंभीर बीमारी के बाद भी वे अपनी ड्यूटी पर मौजूद थे।

मीडिया कर्मियों को दौड़ाया

वकीलों का आतंक यहीं तक नहीं थमा। मौके पर मीडियाकर्मी पहुंचे और फोटोग्राफी की कोशिश की तो उन्हें दौड़ा लिया गया। उनके साथ जमकर गालीगलौज की और मारने की धमकी दी। वकीलों ने एडीएम सप्लाई के कमरे के पास लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया। उपद्रव के दौरान फ‌र्स्ट फ्लोर से लेकर दूसरे फ्लोर के सभी कमरों और कोर्ट के कर्मचारियों ने वकीलों के डर से कमरों को अंदर से बंद कर लिया था। पांच बजे के बाद ही कर्मचारी निकल सके। इतना बवाल होने के बावजूद डीएम और एसएसपी कलेक्ट्रेट नहीं पहुंच सके।

सभी अधिकारियों ने तय किया है कि जब तक आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, काम काज नहीं करेंगे। शनिवार को कलक्ट्रेट में बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

- निधि श्रीवास्तव, एडीएम वित्त एवं राजस्व

कलक्ट्रेट सहित सभी पांच तहसीलों को बंद कर दिया गया है। कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ अक्सर कुछ चिन्हित वकील अभद्रता और मारपीट करते हैं। जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी काम काज ठप रहेगा।

- निशिल श्रीवास्तव, महामंत्री कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ

घटना बहुत ही निंदनीय है। शनिवार को इस मुद्दे पर पीसीएस एसोसिएशन की मीटिंग बुलायी गयी है। फिलहाल जिले के पीसीएस अधिकारी शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे। आगे की रणनीति मीटिंग में तय की जाएगी।

पवन कुमार गंगवार

महासचिव, पीसीएस एसोसिएशन

एडीएम और जिला प्रशासन के लोगों ने वकीलों से पैसे की डिमांड की और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के विरोध में शनिवार को सेंट्रल बार एसोसिएशन ने हड़ताल काल की है।

मृगेंद्र पांडेय

अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन