रुष्टयहृह्रङ्ख : घरों में अल्लाह की इबादत, अजान और नमाज के साथ रमजान पाक महीने का 18वां रोजा शनिवार को रखा गया। कुरआन पाक की तिलावत के बीच रोजेदारों ने अल्लाह से दुआ की। सहरी से लेकर इफ्तारी के बीच बिना कुछ खाए पिए खुद के साथ ही समाज की सलामती की दुआ करने वाले रोजेदारों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी और कोरोना मुक्ति की दुआ मांगी।

मौलानाओं ने की अपील

मौलानाओं ने 14 मई को संभावित ईद को देखते हुए ईद मुबारक की खुशियां अपनों के साथ मनाने, गले लगाने और हाथ मिलाने से परहेज करने की अपील की है। कोरोना से देश को बचाने के लिए ऐसा पहली बार होगा जब ईद पर लोग एक दूसरे को गले लगाने की बजाय दूर से या फोन पर मुबारकबाद देंगे। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ईद पर घरों में नमाज पढ़ने और अल्लाह से समाज को कोरोना से महफूज रखने की दुआ करने की अपील की है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को ईद की मुबारकबाद देने की गुजारिश की है। शिया धर्मगुरु और इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने सभी को ईद के मुबारक दिन शारीरिक दूरी बनाकर घरों में नमाज पढ़ने की गुजारिश की है। इदारा- ए-शरइया फरंगी महली के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने ईद पर मस्जिद या ईदगाह में नमाज न पढ़ने की अपील की है।

आज नहीं निकलेगा गिलीम के ताबूत का जुलूस

हजरत अली अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में रविवार 19वीं रमजान को रोजा-ए-काजमैन स्थित मस्जिद-ए-कूफा से सुबह की नमाज के बाद निकलने वाला ताबूत का जुलूस नहीं निकलेगा। जुलूस के आयोजक मौलाना मीसम जैदी और मौलाना अली मुत्तकी जैदी ने बताया कि संक्रमण के चलते इस वर्ष भी मस्जिद-ए- कूफा से निकलकर इमामबाड़ा हकीम सैयद मोहम्मद तकी आने वाला गिलीम के ताबूत का जुलूस नहीं निकलेगा। सभी कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए गए हैं। उन्होंने अजादारों से अपील की है कि आप लोग अपने घरों में मौला अली की शहादत का गम मनाएं। बताते चलें कि रमजान को मस्जिद-ए-कूफा (ईराक) में जब हजरत अली अलैहिस्सलाम सुबह की नमाज पढ़ रहे थे और जैसे ही सजदे में वह गए तभी अबुल रहमान इब्ने मुल्जिम ने जहर से बुझी तलवार से उनके सिर पर वार किया था, जिससे वह जख्मी हो गए थे। उसी की याद में यह जुलूस निकाला जाता है।