लखनऊ (ब्यूरो)। सीनियर सिटीजंस की सुरक्षा से जुड़े मामलों के समाधान के लिए पुलिस बड़े-बड़े दावे करती रही है, लेकिन इन दावों की आए दिन पोल खुल रही है। राजधानी में दर्जनों ऐसे केस हो चुके हैं, जिनमें सीनियर सिटीजंस की सेफ्टी खतरे में पड़ी है। उन्हें इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पुलिस ने सीनियर सिटीजंस सेल, थानों में रजिस्टर लगाना, सवेरा योजना, नमस्ते लखनऊ समेत कई योजनाएं शुरू की थीं, जो हवा हवाई बनकर रह गई हैं। नतीजतन, एक बार फिर सीनियर सिटीजंस शहर में खुद को अनसेफ महसूस कर रहेे हैं।

केस-1

बीते बुधवार को दिनदहाड़े गाजीपुर के शक्ति नगर स्थित एफएम अपार्टमेंट में नफीस फातिमा नामक महिला की हत्या कर दी गई। तीन नाकाबपोश बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। साथ ही घर से करीब तीन लाख रुपये की ज्वेलरी की लूटपाट की। हालांकि पुलिस ने बाद में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

केस-2

दिसंबर 2022 में अलीगंज स्थित एसबीआई कॉलोनी में बैंक से मुख्य प्रबंधक के पद पर रिटायर हुए ललित मोहन पांडेय की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारे ने ललित की गर्दन, हाथ और चेहरे पर नुकीले हथियार से कई वार किए थे। मड़ियांव पुलिस अभी तक हत्यारे का पता नहीं लगा सकी है।

केस-3

जनवरी 2023 में थाना ठाकुरगंज इलाके में बुजुर्ग दंपति के साथ लूटपाट का मामला सामने आया था। बाबा बालक दास पुरम में एक बुजुर्ग दंपति के घर में तीन लुटेरों घुस गए थे। लुटेरे दंपति की गर्दन पर चाकू रखकर सोने के आभूषण, पंद्रह हजार रुपये, दो मोबाइल लूटकर फरार हो गए थे।

केस-4

जनवरी 2023 में इटौंजा थाना क्षेत्र में बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई थी। लूट की घटना न खुलने पाए इसलिए आरोपी ने वृद्ध महिला का शव अपने ही आंगन में खोदकर दफन कर दिया था। वृद्ध महिला के बेटे ने कई जगह तलाश किया, मगर उसकी मां का कहीं पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने शव बरामद किया था।

सवेरा योजना हुई हवा हवाई

पुलिस विभाग ने अक्टूबर 2019 में सवेरा योजना को पुलिस इमरजेंसी मैनेजमेंट डायल 112 से जोड़ा था। इसमें सीनियर सिटीजंस से पंजीकरण करने को कहा गया, ताकि उनसे समय-समय पर डायल 112 द्वारा उनका हालचाल जाना जा सके, लेकिन समय बदला और यह योजना सिर्फ कागजों में ही रह गई। वहीं, जिन थाना स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे सीनियर सिटीजंस का हालचाल लें, वे उनके घर झांकने तक भी नहीं गए।

थानों में लगेंगे रजिस्टर

वर्ष 2017 में पुलिस स्टेशनों में सीनियर सिटीजंस के लिए एक रजिस्टर रखे जाने की योजना बनाई गई थी। जिसमें नाम, आवासीय पता, मोबाइल नंबर, घरेलू मदद और आगंतुकों के नाम शामिल किया गया था। जिसके बाद पुलिसकर्मी इन सीनियर सिटीजंस के पास जाते थे या उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क कर उनकी शिकायतें जानने की कोशिश करते थे, जिनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाता था, लेकिन अब योजना बस नाम की रह गई है।

सीनियर सिटीजंस सेल

वर्ष 2013 में सीनियर सिटीजंस सेल बनाया था। इस सेल ने सीनियर सिटीजंस की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 9454403882 भी जारी किया गया है। यहां पर अक्सर कई शिकायतें भी आती हैं, जिसका पुलिस निस्तारण करने का दावा करती है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच साल में प्रार्थना पत्र की 213 और कंट्रोल रूम पर 1411 शिकायतें आ चुकी हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि राजधानी में सीनियर सिटीजंस खुद को कितना अनसेफ महसूस कर रहे हैं। वहीं, सीनियर सिटीजंस सेल के प्रभारी मंजेश ने बताया कि सेल में आने वाली शिकायतों को थाने स्तर से जांच करवाई जाती है, ताकि सीनियर सिटीजंस को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

साल प्रार्थना पत्र

2018 63

2019 47

2020 53

2021 41

2022 35

2023 09

कुल 213