लखनऊ (ब्यूरो)। स्कूली वाहन से आने जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित 'मिशन भरोसा' भी है। जिसके अंतर्गत स्कूली वाहन चालकों और परिचालकों को स्मार्ट कार्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें उनका सभी डेटा तो होगा ही साथ ही इसी कार्ड के आधार पर उनकी मेडिकल जांच भी की जाएगी।

सुरक्षित परिवहन प्रणाली विकसित होगी

स्मार्ट सिटी लखनऊ द्वारा संचालित मिशन भरोसा परियोजना स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन प्रणाली को विकसित करने की पहल है। इस परियोजना के तहत स्कूली वाहन चलाने वाले चालक और परिचालकों का लाइसेंस एवं पुलिस सत्यापन, वाहन की फिटनेस, स्वास्थ्य परीक्षण, नेत्र परीक्षण एवं साइकोमैट्रिक परीक्षण आदि को पोर्टल पर दर्ज कर डेटा बेस बनाने व उसकी सतत निगरानी करने की व्यवस्था है। प्रत्येक स्कूली वाहन के चालक और परिचालक को जो स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, वो डीसीपी ट्रैफिक और आरटीओ द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित होगा।

स्कूल को एक फार्म दिया जाएगा

मिशन भरोसा के डेटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्कूल को एक फार्म दिया जाएगा, जिसमें उप्र मोटर यान नियमावली में स्कूलों के लिए परिभाषित तीन श्रेणियों स्कूलों द्वारा सीधे संचालित, स्कूल और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मालिक के मध्य स्कूली परिवहन के लिए अनुबंधित वाहन और प्राइवेट वैन, ऑटो और ई-रिक्शा ऑपरेटर जिनसे पैरेंट्स ने अनुबंध किया है, से संबंधित स्कूली वाहनों के चालक और परिचालक समेत सभी जानकारी दी जाएगी। जो जानकारी मिलेगी, उसे मिशन भरोसा के पोर्टल पर दर्ज कर उसके निरंतर अपडेशन की व्यवस्था उपलब्ध होगी। सभी जानकारी पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों को निर्देशित करेंगे। इसके साथ ही समय-समय पर मॉनीटरिंग भी करेंगे कि स्टेटस रिपोर्ट क्या है।

1200 स्कूली वाहन रजिस्टर्ड

अभी तक मिशन भरोसा टीम की ओर से एक श्रेणी में 1200 स्कूली वाहन को रजिस्टर्ड किया गया है। मिशन भरोसा का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा के विषय में पैरेंट्स के प्रति स्कूल की जिम्मेदारी को साझा करना है। हालांकि, अभी डेटा कलेक्ट करने की स्पीड धीमी है। इस वजह से नए सिरे से इस प्रोजेक्ट को रफ्तार देने की तैयारी की जा रही है। जिससे अधिक से अधिक बच्चों का डेटा कलेक्ट हो जाए साथ ही स्कूली वाहन चालकों और परिचालकों की भी डिटेल कलेक्ट की जा सके।

ये हैैं खास बिंदु

1-स्कूली बच्चों की सुरक्षा मजबूत होगी

2-स्कूली वाहनों के चालकों और परिचालकों का डेटाबेस बन सकेगा

3-चालकों और परिचालकों का समय-समय पर हेल्थ चेकअप

4-पैरेंट्स को भी मॉनीटरिंग करने की सुविधा

बच्चों की सेफ्टी होगी बेहतर

स्कूली वाहन चालकों और परिचालकों का डेटा बेस बनाए जाने से यह फायदा होगा कि स्कूली बच्चों की सेफ्टी बेहतर होगी। खास बात यह है कि भरोसा अभियान के माध्यम से पैरेंट्स भी अपने बच्चों पर सीधे नजर रख सकेंगे। जब बच्चा घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंचेगा, तब तक के अपडेट्स पैरेंट्स के पास आते रहेंगे। इसके साथ ही कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से भी स्कूली वाहन चालकों और परिचालकों को दिए जाने वाले स्मार्ट कार्ड से इंटीग्रेटेड किया जाएगा। जिससे किसी भी वक्त ऑनलाइन स्कैनिंग की जा सकेगी और चालकों और परिचालकों को सेफ्टी संबंधी निर्देश दिए जा सकेंगे। कुल मिलाकर स्कूली बच्चों की सेफ्टी और बेहतर हो सकेगी।