लखनऊ (ब्यूरो)। गर्मी की छुट्टियां खत्म होने को हैं। जुलाई माह से सभी स्कूल खुलने वाले हैं, पर इसके बावजूद अभी तक सभी स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच नहीं हो पाई है। वाहन मालिक इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिसको लेकर आरटीओ द्वारा कई बार नोटिस भी भेजा जा चुका है। पर इसके बावजूद राजधानी में 500 से अधिक ऐसी स्कूली बसें और वैन हैं, जिनकी फिटनेस जांच नहीं हुई है, यानि वे अनफिट हैं। ये स्कूली वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से खतरा बन सकते हैं। अधिकारियों की माने तो स्कूल खुलने के बाद ऐसे वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कई बार भेजी गई नोटिस

राजधानी के विभिन्न स्कूलों में करीब 4364 वाहन आरटीओ से रजिस्टर्ड हैं जिनमें करीब 50 हजार से अधिक स्कूली बच्चे सफर करते हैं। कई स्कूली वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुके हैं, जिसको लेकर आरटीओ द्वारा कई बार फिटनेस जांच कराने के लिए स्कूल प्रबंधकों और वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा जा चुका है। पर वे फिटनेस जांच कराने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे।

बकाया टैक्स बड़ी वजह

स्कूली वाहनों का 13 बिंदुओं पर फिटनेस टेस्ट होना है, जिसमें ड्राइवर का लाइसेंस, सीसीटीवी, स्पीड लिमिट डिवाइस, इमरजेंसी फोन नंबर आदि मानकों पर जांच होनी है। वहीं, कई वाहन स्वामी द्वारा बीते कई वर्षों से टैक्स भी नहीं जमा किया गया है। टैक्स देने से बचने के लिए वे फिटनेस जांच कराने नहीं पहुंच रहे हैं। कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद वे टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।

स्कूल खुलने के बाद चलेगा अभियान

अधिकारियों के मुताबिक, बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद वाहन स्वामियों की ओर से अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा है। ऐसे में, स्कूल खुलने के बाद अभियान चलाकर सड़कों पर दौड़ रहे ऐसे अनफिट स्कूली वाहनों पर एक्शन लिया जाएगा। जो वाहन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के मिलेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

फिटनेस जांच के लिए वाहन स्वामियों को कई बार नोटिस भेजा जा चुका है। स्कूल खुलने के बाद ऐसे अनफिट वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ प्रशासन