लखनऊ (ब्यूरो)। अधिकतर स्कूली वाहनों में अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स नहीं हैं। जीपीएस और स्पीड कंट्रोल डिवाइस भी नहीं लगी है। पेरेंट्स के अनुसार ऐसे वाहन चालक बच्चों को लेने आ रहे हैं, जिन्हें वे जानते भी नहीं हैं। वाहन मालिक से पूछने पर पता चला कि पुराने चालक काम छोड़ कर जा चुके हैं। इन चालकों के पुलिस वेरीफिकेशन हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी भी पेरेंट्स को नहीं दी जा रही है।

स्कूली वाहनों के लिए तय मानक
- फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ ही ड्राइवर का लाइसेंस पांच साल पुराना होना चाहिए
- ड्राइवर का पुलिस वेरीफिकेशन होना अनिवार्य है
- ड्राइवर को वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी चाहिए
- वाहन पर ड्राइवर का मोबाइल नंबर और पुलिस हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए
- अग्निशमन यंत्र, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा एवं स्पीड कंट्रोल डिवाइस होना आवश्यक है

स्कूली वाहनों के लिए गाइड लाइन जारी की जा चुकी है। इस गाइडलाइन का पालन स्कूली वाहन चालकों को करना है। अनफिट वाहन रोड पर मिले तो उनका चालान कर उन्हें बंद किया जाएगा। जल्द इसके लिए अभियान शुरू होगा।
संदीप कुमार पंकज, आरटीओ प्रवर्तन लखनऊ