- हालत गंभीर होने पर ट्रॉमा के डॉक्टर ने कोविड रिपोर्ट का इंतजार न करके किया जटिल ऑपरेशन

- तीन घंटे तक चला ऑपरेशन, मरीज के ठीक होने पर किया जा रहा डिस्चार्ज

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रुष्टयहृह्रङ्ख: राजधानी के सभी हॉस्पिटल जहां वर्तमान समय में कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। वहीं केजीएमयू के ट्रॉमा के डॉक्टर्स की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर एक युवक को नई जिंदगी दी है। बलरामपुर के रिंकू तिवारी का कुछ लोगों ने गला काट दिया था, इस पर उसे 10 सितंबर को ट्रॉमा रेफर कर दिया गया। ट्रॉमा के डॉक्टर्स ने रिंकू की गंभीर हालत देखते हुए तुरंत जटिल ऑपरेशन किया। अब मरीज की हालत पूरी तरह से ठीक होने पर उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है।

तीन घंटा चला ऑपरेशन

घटना के बाद मरीज जब ट्रॉमा पहुंचा तो उसे सांस लेने में तकलीफ होने के साथ उसका ऑक्सीजन लेबल कम था। इस पर डॉ। संदीप तिवारी, डॉ। समीर मिश्रा, डॉ। यादवेंद्र धीर और डॉ। हर्षित अग्रवाल की टीम ने कोविड प्रोटोकॉल के तहत उसका चेकअप किया जिसमें पाया कि मरीज की सांस नली कटी हुई है और आहार नली में इंजरी है। मरीज की कोविड जांच कराई गई, लेकिन हालत ऐसी नहीं थी कि रिपोर्ट का इंतजार किया जाए। वहीं प्रोसीजर और एयरोसाल जेनरेटिंग होने की वजह से कोरोना संक्रमण का भी खतरा था, लेकिन डॉक्टेरों ने खतरा उठाते हुए ट्ेकियास्टोममी करने का जोखिम उठाते हुए इमरजेंसी ऑपरेशन का निर्णय लिया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान मरीज की कंडीशन अनियंत्रित होने पर डॉक्टरों ने कुछ समय के लिए ऑपरेशन टाल दिया। हालत स्थिर होने पर मरीज के करीब 3 घंटे तक चले ऑपरेशन के दौरान मरीज में सांस की नली, आहार नली, मांसपेशिया एवं खून की धमनियों को रिपेयर किया गया। वहीं पोस्ट ऑप वार्ड में करीब 7 घंटे के इंतजार के बाद मरीज की सभी वायटल्सप नार्मल हुए, जिसके बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। अब मरीज की हालत पहले से काफी बेहतर है और उसको डिस्चार्ज किया जा रहा है।