लखनऊ (ब्यूरो)। वहीं, शासन द्वारा विकल्प खंड के भूखंड संख्या 4/26 पर भी जांच अभी बाकी है। इस भूखंड की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री की गई है। वहीं, विनम्र खंड के दो सौ वर्ग मीटर के भूखंड संख्या 3/262 की रजिस्ट्री दलालों ने चौक के पाटा नाला निवासी रेहान के नाम पर की और फिर कौशांबी के पंकज तिवारी को खड़ा कर फर्जी तरीके से दूसरी रजिस्ट्री कर दी गई थी। इतना ही नहीं, दलाल इसकी तीसरी रजिस्ट्री करने की फिराक में थे। इस दौरान मामला खुला गया।

इनकी भूमिका संदिग्ध

गोमती नगर पुलिस अभी तक चुनाव में व्यस्त थी। गोमती नगर इंस्पेक्टर केके तिवारी ने बताया कि एलडीए के भूखंड घोटाले में दो बाबू व एक चपरासी की भूमिका संदिग्ध है। उन्हें फोन करके थाने बुलाया गया था, लेकिन अभी तक सहयोग नहीं किया गया है। वहीं, पहले पकड़े गए लोगों से कुछ तथ्य सामने आए हैं। यह स्पष्ट हो गया है कि एलडीए से निलंबित चल रहे बाबू के अलावा एक और बाबू व चपरासी की भूमिका संदिग्ध है।

चुनाव के कारण एलडीए की टीम व्यस्त थी, अब इन घोटालों को लेकर जांच की जाएगी। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और भूखंडों पर कब्जा लिया जाएगा।

पवन कुमार गंगवार, सचिव, एलडीए