- एकेटीयू के निजी संस्थान ने सैलरी देने से किया मना

- एकेटीयू ने सभी संस्थाओं से मांगा सैलरी देने का ब्यौरा

LUCKNOW : लॉकडाउन के दौरान एकेटीयू की ओर से संबद्ध निजी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थाओं ने प्रोफेसर की सैलरी देने से हाथ खड़े कर दिये हैं। इसको लेकर एकेटीयू के पास कई कंप्लेंट आई हैं। इस पर एकेटीयू वीसी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रोफेसर को सैलरी दिलाने का आश्वासन दिया।

मार्च की सैलरी का ब्यौरा मांगा

वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि प्रदेश में कई संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने प्रोफेसर और कर्मचारियों को मार्च की सैलरी नहीं दी है। उन्होंने ऐसे संस्थान पर ब्योरा जांच के लिए मंगवाया है। वीसी ने प्रोफेसर और कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उन्हें अप्रैल तक की सैलरी दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी कॉलेज लॉग इन में प्रोफेसर की सैलरी संबंधी जानकारी हर माह अपडेट करेगा।

कॉलेज यूनिवर्सिटी से मांग रहा लोन

यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि कई संस्थाओं ने शिक्षकों की सैलरी बांटने के लिए एकेटीयू से लोन देने की मांग की है। कॉलेजों का कहना है कि उन्हें अभी तक जनवरी से हुए सेमेस्टर के एडमिशन की फीस नहीं मिली है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग से जो स्कॉलरशिप आती है। वह भी समय से जारी नहीं हुई है। इसकी वजह से कई स्टूडेंट्स ने फीस जमा नहीं की है। यही वजह है कि कॉलेज के पास टीचर्स की सैलरी देने के लिए उनके पास बजट नहीं है।

सैलरी न देने का नया मामला नहीं

एकेटीयू से संबंद्ध कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की सैलरी की समस्या काफी पुरानी है। यहां प्रोफेसर को महज 15 से 20 हजार रुपए हर महीने सैलरी दी जाती है। वह कॉलेज द्वारा समय पर नहीं दिया जा रहा है।