- 6 और 7 दिसंबर से शुरू होने वाली खेलो मंडल प्रतियोगिता का रजिस्ट्रेशन शुरू

- बजट के अभाव में शिक्षा विभाग के आगे चुनौती बनी प्रतियोगिता lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: प्रदेश में खेलो लखनऊ, खेलो मंडल, खेलो प्रदेश अभियान की शुरुआत हो गई है। राजधानी लखनऊ और मंडल स्तर पर खो-खो, वॉलीबाल, कबड्डी के लिए ग्रामीण और जनपदीय स्तर पर 6 और 7 दिसंबर को खेलो मंडल प्रतियोगिता होनी है। इसमें विभिन्न खेलों के लिए अब तक 2702 का बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा खेलो प्रदेश अभियान की शुरुआत की जा रही है, वहीं खेल के नाम पर जारी बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। ऐसे में इसके आयोजन को लेकर चंदा जुटाना पड़ रहा है।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य अच्छे खिलाडि़यों को आगे बढ़ाना है। खेलो लखनऊ के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया गया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे, युवक एवं युवतियां भाग ले सकती हैं। खिलाडि़यों को इसके लिए www.khelluckn.in रजिस्ट्रेशन करना होगा। ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत एवं विकास खंड स्तर से होते हुए खिलाडि़यों को जनपद स्तरीय खेलों में प्रतिभाग करके नाम कमाने का मौका मिलेगा।

अब तक हुए रजिस्ट्रेशन

कुल रजिस्ट्रेशन - 2702

लंबीकूद - 620

कबड्डी - 92

वॉलीबॉल - 59

रस्साकस्सी - 20

100 मीटर दौड़ - 1046

400 मीटर दौड़ - 824

खो खो - 27

ग्रामीण खेल कूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए नियम

प्रतियोगिता पुरुष एवं महिला की जूनियर-सीनियर स्तर की होगी। जूनियर वर्ग में प्रतिभागी की उम्र 10 वर्ष से 16 वर्ष के बीच ही अनिवार्य है। सीनियर वर्ग में प्रतिभागी की उम्र 16 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिये। प्रतिभागी अपनी आयु प्रमाण के लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र अथवा विद्यालय से निर्गत आयु संबंधी प्रमाण-पत्र अपने साथ ला सकते हैं, जिससे अगर उम्र के संबंध में कोई आपत्ति की जाती है तो वह साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर सकें। एक प्रतिभागी अधिकतम दो व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा एवं एक टीम में भाग ले सकता है। ग्राम व न्याय पंचायत स्तर पर खेलकूद संचालन के लिए निर्धारित समिति वहां की फील्ड की उपलब्धता, उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार खेल के नियम व संचालन में परिवर्तन कर सकती है।

खेल बजट का रोना रो रहा शिक्षा विभाग

जनपद स्तर पर खेलो लखनऊ प्रतियोगिता हो रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के पास प्रतियोगिता में बजट के नाम पर खर्च करने के लिए कुछ भी नहीं है। जनपद में 8 ब्लॉक हैं, जिसमें हर ब्लॉक को 5000 रुपये का बजट मिलता है। इसमें उन्हें खेल सामग्री खरीदनी होती है। साल भर उसी बजट में प्रतियोगिताओं का करानी होती है। बीएसए अमरकांत सिंह ने बताया कि गत वर्ष जनपद को 7500 रुपये का खेल बजट मिला था जबकि खेल सामग्री खरीदने के लिए हर ब्लॉक के प्राइमरी विद्यालयों को पांच और जूनियर विद्यालयों को 10 हजार रुपये की जरूरत पड़ती है। वहीं कुछ पैसा ब्लॉक स्तर के जीते हुए खिलाडि़यों को जिले की प्रतियोगिता की तैयारी कराने को पैसा दिया जाता है। वहीं एक खेल रैली के आयोजन में 15000 रुपये का खर्च आता है। ऐसे में बजट के अभाव में हर बार शिक्षकों से चंदा करके खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कराना पड़ रहा है।