लखनऊ (ब्यूरो)। रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के रिश्ते के प्यार, विश्वास और अपनेपन के गहरे लगाव की निशानी है। भाई बहन का रिश्ता बेहद अनमोल होता है, जो उम्र भर साथ चलता है। एक ही शहर और परिवार में साथ रहने वाली बहनेें तो आसानी से अपने भाईयों के साथ त्योहार मना लेती हैं, लेकिन जो बहनें दूसरे शहर, स्टेट या देश में रहती हैं, उनका हर राखी अपने घर आना संभव नहीं हो पाता। इस सबके बीच कई ऐसी बहनें हैं, जो इस रक्षाबंधन अपने भाईयों के साथ राखी का त्योहार मनाने सात समंदर पार से आ रही हैं। जो किसी दूसरे स्टेट में रहती हैं वे भी अपने भाईयों को सरप्राइज देने की तैयारी कर चुकी हैं। इनमें से कई बहनें ऐसी भी हैं, जो तीन साल बाद अपने भाई के साथ त्योहार मनाएंगी।

लंदन से आई बहन, बचपन की यादें ताजा

महानगर के डॉ। सौरभ कश्यप की बहन गरिमा वर्मा लंदन में रहती हैं। इस साल वह अपने भाई के साथ त्योहार मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। गरिमा कहती हैं कि मैं कई साल से लंदन में हूं। हर बार रक्षाबंधन का त्योहार वीडियो कॉल पर ही बीत जाता था। ऐसे में इस साल अपने भाई को सरप्राइज देने के लिए आ गई हूं। साथ में मिलकर त्योहार तो सेलिब्रेट करेंगे ही, लखनऊ को भी एक्सप्लोर करूंगी। बचपन की यादें ताजा होंगी।

2020 के बाद अब भाई से मिलने का दिन आया

पेशे से वैज्ञानिक अंकिता शुक्ला अमेरिका के टेक्सस में साल 2020 से रह रही हैं। उनके भाई अभिषेक शुक्ला भी बेंगलुरु में जॉब करते हैं। अंकिता कहती हैं कि भाई और पूरे परिवार से मिले हुए 3 साल हो रहे हैं। बीते तीन साल से राखी भेजकर रक्षाबंधन वीडियो कॉल पर ही मन रहा था। मैंने भाई को बताया कि इस साल लखनऊ आकर राखी मनाऊंगी तो वह बेहद खुश हो गया। हम दोनों मिलकर इसे सेलिब्रेट करने वाले हैं। त्योहार के साथ अपने रिश्तेदारों से मिलने का भी प्लान है।

भाई पर किया प्रैंक, आकर सरप्राइज दिया

आलमबाग निवासी डॉ। शशांक सिंह की बहन डॉ। श्रेया सिंह बेंगलुरु में रहती हैं। डॉ। श्रेया कहती हैं कि हर साल रक्षाबंधन का त्योहार अपने भाई के साथ मनाती हूं। इस बार भाई के साथ प्रैंक करते हुए इमरजेंसी में ड्यूटी का बहाना बनाकर आने से मना कर दिया था। भाई को लगा मैं नहीं आ पाऊंगी, लेकिन अगले ही दिन मैंने आकर उन्हें सरप्राइज दे दिया। मेरे सरप्राइज से सभी चौक गए। हम साथ त्योहार मनाने को लेकर काफी एक्साइटेड हैं।