लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लि। द्वारा एलएनटी से कराया जा रहा था, वह रोक दिया गया है और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में पुरानी तकनीकी 2जी 3जी आधारित लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की महत्वाकांक्षी योजना लगभग 8 वर्षों के लिए थी और अपेक्स मॉडल के आधार पर थी। जिस पर ईईएसएल द्वारा प्रति मीटर लगभग 103 रु। प्रति माह विभाग से लिया जाता है।

40 लाख स्मार्ट मीटर का काम
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2018.19 में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड को 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम दिया था, जिसमेें से 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। जबकि 28 लाख मीटर लगना अभी बाकी हैैं।

टेंडर में दरें ज्यादा आईं
एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश में अपने बचे 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर में से अतिरिक्त स्मार्ट मीटर को लगाने के लिए 4जी का नया टेंडर जारी किया है और पहले की अपेक्षा अब दर ज्यादा आई।

उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जा सकता बोझ
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी रोलआउट प्लान में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि समय-समय पर जब भी तकनीकी में कोई भी बदलाव आएगा, उसका खर्च एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड को ही वहन करना पड़ेगा, उसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि उपभोक्ताओं के घरों में 4जी बेस्ड स्मार्ट मीटर लगाने हैैं और इसका खर्च किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं से नहीं लिया जा सकता है।