लखनऊ (ब्यूरो)। वर्तमान में पूरे प्रदेश में 12 लाख के करीब 2जी और 3जी बेस्ड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों में लगे हुए हैैं। राजधानी में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या 2 लाख के आसपास है। अभी तक तो कोई समस्या नहीं आ रही थी लेकिन जब से नया बिलिंग सॉफ्टवेयर लागू हुआ है, तब से ये स्मार्ट मीटर मैनुअली काम करने लगे हैैं। जिससे उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यह आती है समस्या
उपभोक्ताओं की ओर से जो समस्या बताई गई है, उससे साफ है कि पहले जहां अगर बकाये पर सर्वर से लाइट कट जाती थी और बकाया जमा होते ही सर्वर से ही उपभोक्ता की लाइट चालू हो जाती थी, वहीं अब ऐसा नहीं है। बकाये पर सर्वर से लाइट तो कट जाती है लेकिन जब उपभोक्ता बकाया जमा कर देता है तो उसके बाद भी सर्वर से लाइट चालू नहीं होती है बल्कि उपभोक्ता को अपने सबस्टेशन में जाकर एसडीओ या अन्य अधिकारी से कहना पड़ता है। इसके बाद संबंधित अधिकारी के माध्यम से उपभोक्ता के कनेक्शन को चालू कराया जाता है।

लग जाता है समय
पहले जहां सर्वर से लाइट कट जाती थी और फिर से चालू होती थी तो उस दौरान अधिकतम से अधिकतम 15 से 20 मिनट लगते थे, वहीं अब एक घंटे से चार घंटे तक का समय लग जा रहा है। जिससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ता कितना परेशान होते होंगे। उपभोक्ताओं का भी कहना है कि उनके घरों में लगे स्मार्ट मीटर की टेक्निक को और हाईटेक किया जाए, जिससे उन्हें सबस्टेशन के चक्कर न काटने पड़े।

पॉवर कारपोरेशन को कराया अवगत
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी कई उपभोक्ताओं की ओर से स्मार्ट मीटर को लेकर शिकायत दर्ज कराई जा रही है। जो इस प्रकार हैैं।
1- एक उपभोक्ता ने बताया है कि एक हजार रुपये बकाया होने के कारण उनका कनेक्शन डिस्कनेक्ट हो गया और फिर से दोबारा री कनेक्ट कराने में खासा समय लग गया। जिसकी वजह से वो परेशान हुए।
2- एक उपभोक्ता ने यह भी शिकायत की है कि उनके ऊपर कोई भी बकाया नहीं है, इसके बावजूद अचानक से उनका कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दिया गया।

यह सिस्टम फेल साबित हुआ है। जो पुरानी तकनीकी 2जी, 3जी बेस्ड स्मार्ट मीटर लगे हैैं, उनमें कम्युनिकेशन प्रॉब्लम आ रही है। उपभोक्ताओं के घरों में लगे मीटरों को 4जी में कंवर्ट करने को कहा गया था लेकिन अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है। मामले से पॉवर कारपोरेशन को अवगत करा दिया गया है।
अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद