लखनऊ (ब्यूरो)। ज्यादातर उपभोक्ताओं के घरों में लगे स्मार्ट मीटर तेज बिजली कड़कने या हाई वोल्टेज आने पर या तो जंप कर सकते हैैं या पूरी तरह से डेड हो सकते हैैं। इसकी वजह यह है कि स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उनका स्पार्क टेस्ट नहीं कराया गया है। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उपभोक्ता परिषद की ओर से स्पार्क टेस्ट संबंधी मुद्दे को उठाया गया है और इस संबंध में पावर कारपोरेशन अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। अब उनकी ओर से नियामक आयोग में भी रिपोर्ट फाइल करने की तैयारी की जा रही है।

बिजली मीटर हो गए डेड

सोमवार सुबह तीन बजे से लेकर दोपहर तक अनवरत बारिश हुई थी। इस दौरान जोरदार बिजली भी कड़की थी। इसकी वजह से भारी संख्या में उपभोक्ताओं के घरों में लगे स्मार्ट मीटर डेड हो गए थे। जिन्हें अब रिप्लेस किया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की माने तो मध्यांचल प्रशासन की ओर से खराब हुए स्मार्ट मीटर की संख्या भले ही 400 से 500 बताई जा रही हो, लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है। उनका कहना है कि उनके पास भी कई उपभोक्ताओं की कंपलेन आई हैैं, जिससे पावर कारपोरेशन को अवगत करा दिया गया है।

स्पार्क टेस्ट नहीं कराया गया

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि वर्ष 2019-20 में भी ऐसी समस्या सामने आई थी। जब स्मार्ट मीटर अचानक जंप कर गए थे। मतलब एक किलोवॉट के स्मार्ट मीटर का लोड 65 किलोवॉट तक पहुंच गया था। उस दौरान ही उन्होंने स्मार्ट मीटर्स के स्पार्क टेस्ट को लेकर मुद्दा उठाया था और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी मामले से अवगत कराया था। उस दौरान कुछ दिन तो जांच पड़ताल हुई लेकिन बाद में रिपोर्ट ही सामने नहीं आई। जिसके बाद अब फिर से स्मार्ट मीटर्स के डेड होने संबंधी मामला सामने आया है। अगर उस दौरान ही स्पार्क टेस्ट को लेकर काम किया गया होता तो अब उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होती और स्मार्ट मीटर भी सेफ रहते।

यह होता है स्पार्क टेस्ट

स्मार्ट मीटर या किसी भी प्रकार का मीटर लगाए जाने से पहले उसका स्पार्क टेस्ट किया जाता है। जिसके माध्यम से देखा जाता है कि उसकी बॉडी और डिस्प्ले कितना लोड बर्दाश्त कर सकता है। अगर कोई मीटर स्पार्क टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसे उपभोक्ता के घर में नहीं लगाया जा सकता।

इस वजह से मीटर हुए डेड

स्पार्क टेस्ट न होने की वजह से मीटर कितना मजबूत है, इसका अंदाजा लगाया जाना बेहद मुश्किल है। अगर कोई मीटर स्पार्क टेस्ट के बिना लगा है और अचानक से उस पर बिजली लोड बढ़ता है या काफी जोर से बिजली कड़कती है तो मीटर में लगे सेंसर वाइब्रेट होकर हाई फ्रिक्वेंसी में चले जाते हैैं और डेड हो जाते हैैं। अगर कोई मीटर डेड हो जाता है तो उसका मेंटीनेंस नहीं हो सकता, बल्कि उसे रिप्लेस ही किया जाता है, जो अब किया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की ओर से पावर कारपोरेशन और मध्यांचल के डायरेक्टर टेक्निकल को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है साथ ही स्पार्क टेस्ट की जरूरत को लेकर भी बिंदुवार जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

मीटर्स का स्पार्क टेस्ट कराए जाने को लेकर कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्पार्क टेस्ट न होने का ही नतीजा है कि बिजली कड़कने या हाई वोल्टेज आने पर स्मार्ट मीटर दम तोड़ देते हैैं।

-अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद