नंबर गेम

3 डिवीजन में आ रहीं स्मार्ट मीटर की शिकायतें

5 से 6 शिकायतें रोजाना आ रहीं

2 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर शहर में

- लगभग हर डिवीजन में आ रही है उपभोक्ताओं की कंपलेन

- अभियंताओं के पास आ रहे टेस्ट मीटर लगाने संबंधी प्रार्थना पत्र

LUCKNOW मुंशी पुलिया में रहने वाले पप्पू के यहां जब स्मार्ट मीटर लगा था, तो उन्हें महसूस हुआ था कि अब उन्हें बिजली बिल या रीडिंग जानने के लिए टेंशन नहीं लेनी पड़ेगी। पहले तो स्थिति बेहतर रही लेकिन गुजरते वक्त के साथ स्मार्ट मीटर उन्हें करंट मारने लगा। उपभोक्ता की मानें तो उनके यहां लगे मीटर की रीडिंग तेज भाग रही है। इसके बाद उन्होंने अपने यहां टेस्ट मीटर लगवाया, तब कहीं जाकर उन्हें राहत मिली। यह तो महज एक उदाहरण है लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर उपभोक्ता स्मार्ट मीटर में रीडिंग तेज भागने की कंप्लेंट कर रहे हैं।

रीडिंग जंपिंग से परेशान

ज्यादातर उपभोक्ताओं की शिकायत रीडिंग जंपिंग से जुड़ी हुई है। रीडिंग जंपिंग से मतलब है कि निर्धारित लोड के मुकाबले तेज रीडिंग चलना। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उनके यहां जब स्मार्ट मीटर नहीं लगा था, तब बिजली का बिल 5 से 6 हजार आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल 10 हजार तक पहुंच जाता है। इसकी वजह से घरेलू बजट पर खासा असर पड़ता है।

बिजली आने में लगता समय

बिल समय से जमा न करने के कारण उपभोक्ताओं की बिजली गुल हो जाती है। कई उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि बिल जमा करने के बाद भी तुरंत बिजली चालू नहीं होती है। बिजली सप्लाई सुचारू होने में खासा समय लग जाता है। उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई अपडेट भी नहीं मिलता है।

अभियंताओं के पास कंप्लेंट जानकारी के अनुसार, ठाकुरगंज, अपट्रॉन और आलमबाग डिवीजन में स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतें लगातार आ रही हैं। उपभोक्ता तुरंत स्मार्ट मीटर को हटाने की मांग कर रहे हैं। कई उपभोक्ता घर में टेस्ट मीटर लगवाने की भी मांग कर रहे हैं।

इस तरह बिगाड़ रहा बजट

पहले जहां उपभोक्ताओं का बिल चार से पांच हजार आता था, वहीं अब यह बिल सात से आठ हजार तक आ जाता है। बिलिंग राशि बढ़ने से इसका सीधा संबंधित उपभोक्ता के घर बजट पर पड़ता है।

वर्जन

यह बात सही है कि स्मार्ट मीटर की रीडिंग संबंधी शिकायतें रोजाना आ रही हैं। इन शिकायतों से ऊर्जा मंत्री को भी अवगत कराया जा चुका है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही समस्या का समाधान होगा।

अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद