लखनऊ (ब्यूरो)। नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर मिलते ही सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। राजधानी स्थित सपा कार्यालय में उनके अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। हालांकि जब कार्यकर्ताओं को पता चला कि नेताजी का पार्थिव शरीर सीधे सैफई ले जाया जा रहा है तो उन्हें निराशा हुई। उनके मन में कसक रही कि वे नेताजी के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए। हालांकि ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने कहाकि वे रात में ही सैफई पहुंचेंगे, जिससे नेताजी के अंतिम दर्शन कर सकें।

140 किमी दूर से आए समरजीत

सपा कार्यालय के बाहर मौजूद दिव्यांग समरजीत की आंखों में आंसू साफ देखे जा सकते थे। वह अपनी इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल से अयोध्या से यहां सीधे पहुंचे थे। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि यहां उन्हें नेताजी के अंतिम दर्शन करने का मौका मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उनका कहना था कि नेताजी के निधन की सूचना मिलते ही वह सन्न रह गए और तुरंत लखनऊ के लिए निकल पड़े। उनका यह भी कहना था कि वह सैफई जाकर नेताजी के अंतिम दर्शन जरूर करेंगे।

हमें मार्गदर्शन कौन देगा

शाहपुर से आई महिला कार्यकर्ता मनीषा भी सपा कार्यालय के बाहर मौजूद थीं। उनके हाथों में नेताजी की फोटो नजर आ रही थी। वह बार बार यही कह रही थीं कि नेताजी हमेशा के लिए चले गए, अब हमारा मार्गदर्शन कौन करेगा। उनके साथ आईं अन्य महिला कार्यकर्ताओं के भी यही शब्द रहे।

बाराबंकी से आया पैदल

नेताजी को लेकर कार्यकर्ताओं के मन में कितना सम्मान है, इसकी तस्वीर गुफरान ने स्पष्ट कर दी। बरसते पानी के बीच वह बाराबंकी से पैदल ही राजधानी स्थिति सपा कार्यालय पहुंचा। उसका कहना था कि जैसे ही नेताजी के निधन की सूचना मिली, वह तुरंत घर से निकल पड़ा। अब नेताजी हमारे बीच में नहीं हैैं लेकिन वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे। कठौता निवासी चंदन भी सपा कार्यालय पहुंचे थे। उनका कहना था कि जब जब किसी भी कार्यकर्ता पर कोई समस्या आई, नेताजी ने उसका साथ दिया। वह हर एक कार्यकर्ता को अपने परिवार का सदस्य ही मानते थे। उनका शानदार व्यक्तित्व ही उनकी पहचान रहा है। उनके जाने से राजनीति के साथ-साथ हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत क्षति पहुंची है।