- 15 जून से केजीएमयू स्थित शताब्दी अस्पताल में शिफ्ट हो जाएगा ब्लड बैंक

- ब्लड बैंक को आधुनिक बनाने के साथ ही डोनर को भी मिलेगी राहत

LUCKNOW@inet.co.in

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) स्थित ब्लड बैंक जल्द ही शताब्दी फेज 2 में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद ब्लड बैंक में ब्लड की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के साथ ही स्टेम सेल बैंक की स्थापना की जाएगी। मरीजों को और अधिक सुरक्षित ब्लड देने के लिए रेडिएशन तकनीक सहित अन्य आधुनिक जांचों से भी ब्लड बैंक को लैस किया जाएगा।

15 जून से नई जगह पर ब्लड बैंक

केजीएमयू का स्टेट ऑफ द आर्ट ब्लड बैंक जल्द ही नए स्वरूप में नई सुविधाओं के साथ शताब्दी फेज 2 में शिफ्ट हो जाएगा। 15 जून से शताब्दी फेज 2 में ब्लड डोनेशन होगा और मरीजों के लिए ब्लड दिया जाएगा। ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एचओडी प्रो। तूलिका चंद्रा के अनुसार केजीएमयूा का ब्लड बैंक देश का सबसे बड़ा ब्लड बैंक है। जहां हर साल 50 हजार यूनिट ब्लड कलेक्ट किया जाता है। साथ ही डेढ़ लाख यूनिट ब्लड कंपोनेंट मरीजों केा दिए जाते हैं। शताब्दी हॉस्पिटल में जाते ही स्थान और तकनीकी के लिहाज से भी यह बड़ा ब्लड बैंक हो जाएगा.उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में पहले से ही आधुनिक न्यूक्लिक एसिड टेस्ट तकनीक से टेस्टेड सुरक्षित ब्लड मुहैय्या कराया जा रहा है।

होगी ई- ब्लड बैंकिंग की सुविधा

ब्लड बैंक को ई-ब्लड बैंकिंग की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए नई जगह पर ब्लड बैंक को पूरी तरह से कंप्यूट्राइज किया जा रहा है। डाटा फीडिंग से लेकर ब्लड यूनिट तक का सिस्टम ऑनलाइन होगा। इसके अलावा अब ब्लड डोनर और ब्लड लेने वालों को राहत मिलेगी। अब सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशंड वेटिंग एरिया होगा। इसके अलावा ब्लड बैंक में टाइप एंड मैच की फैसिलिटी भी दी जाएगी। जिन मरीजों का ऑपरेशन होना है उनकी पहले से क्रास मैच कर ब्लड सुरक्षित कर लिया जाएगा। साथ ही जल्द ही ब्लड बैंक में रेडिएशन तकनीक से सुरक्षा दी जाएगी। इससे ब्लड में मौजूद घातक वायरस से मरीज को संक्रमण से बचाव होगा। फिलहाल यह तकनीक अभी पूरे यूपी में कहीं नहीं है। पहली बार इसे केजीएमयू में ही लागू किया जागएा।

रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

ब्लड बैंक शताब्दी हॉस्पिटल में शिफ्ट होने के बाद रिसर्च वर्क को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों का मानना है कि डिपार्टमेंट आफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के नए स्वरूप में आने पर अब रिसर्च के कायरें को बढ़ावा मिलेगा। नई जगह पर शिफ्ट होने और क्षमता बढ़ने से आस पास के जिलों में भी यहां से ब्लड कंपोनेंट सप्लाई किए जा सकेंगे।

स्टेम सेल पर होगा शोध

नई जगह पर सभी आधुनिक तकनीक उपलब्ध होने से स्टेम सेल पर भी बड़ा काम होगा। इसके लिए डिपार्टमेंट आफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में स्टेम सेल की स्थापना की जाएगी। ताकि मरीजों का स्टेम सेल की सहायता से इलाज किया जा सके। कई साल पहले केजीएमयू में पूर्व वीसी प्रो। सरोज चूड़ामणि गोपाल के समय में इस पर काफी काम हुआ था। उसके बाद भी डॉक्टर्स टीम इस पर काम कर रही है और बहुत से ऐसे मरीजो को ठीक किया गया जो चल नहीं सकते थे। लेकिन जगह और एक्सप‌र्ट्स व मशीनों की कमी के कारण लगातार दिक्कत बनी थी। लेकिन अब नई जगह स्टेम सेल की रिसर्च और मरीजों के इलाज को बढ़ावा मिलेगा।