लखनऊ (ब्यूरो)।
- लखनऊ जेल में दीपक वर्मा 2012 रेप केस में बंद हैं। 4 नवंबर 2022 को इनकी सजा पूरी हो गई। सजा के साथ इस पर 40000 जुर्माना भी लगाया गया था। यह रकम जमा न कर पाने की वजह से अब उसे मई 2025 तक सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।
- किशन उर्फ गुड्डू 2013 से लखनऊ जेल में हैं। 7 नवंबर 2022 को सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन 50000 जुर्माना न जमा कर पाने की वजह से दिसंबर 2024 तक इन्हे जेल में ही रहना है।
- पवन कुमार 2021 में लखनऊ जेल आए थे। 27 दिसंबर 2022 सजा पूरी कर ली, लेकिन 34000 रुपए जुर्माने के नहीं हैं। इसलिए अब यह फरवरी 2023 जेल में ही रहेंगे।

जमानत मिली लेकिन जमानतदार नहीं
- मो शफीक 2016 से लखनऊ जेल में हैं। 11 मार्च 2017 को ही उसे जमानत मिल गई, लेकिन जमानतदार न मिलने से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। - संगम रावत 2015 से लखनऊ जेल में हैं। 2019 में जमानत मिली, लेकिन चार साल से कोई जमानतदार नहीं मिल रहा है।
- आरके मिश्रा को 2018 में जमानत मिली, लेकिन जमानत लेने वाला अब तक कोई नहीं मिला।
- लखनऊ जेल में ऐसे 50 कैदी हैं जो जुर्माना न भर पाने या जमानतदार न मिलने से सजा से भी ज्यादा सजा काट रहे हैं।

इसे भी जानें
- यूपी की जेल में क्षमता से डेढ़ गुना ज्यादा कैदी हैं
- यूपी की जेलों में 1 लाख 23 हजार कैदी बंद हैं
- करीब 810 कैदी ऐसे हैं जिन्हें जमानतदार नहीं मिल रहे
- 171 कैदी ऐसे हैं जो जुर्माना अदा नहीं कर पा रहे हैं
- यूपी में कुल 90,606 अंडरट्रायल कैदी जेल में बंद हैं

कोरोना काल में की गई थी कोशिश
कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल मे भीड़ कम करने की कोशिश की गई थी। जेल में बहुत से ऐसे कैदी हैं जो जुर्माना या जमानतदार न होने के कारण बंद हैं। वहीं कुछ एनजीओ भी अपने स्तर से कैदियों की जुर्माना राशि भरकर उन्हें रिहा करा रहे हैं।

जेल से भीड़ कम करेगी सरकार
राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट ने जेल पर बढ़ते भार पर चिंता व्यक्त की है। केंद्र सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया है। बजट में एक स्कीम घोषित करते हुए कहा गया है कि गरीब कैदियों की जमानत पर आने वाले खर्च को अब सरकार वहन करेगी।

1236 कैदी हुए रिहा
डीजी जेल के अनुसार यूपी की जेलों से भीड़ कम करने के लिए समय-समय पर कई स्तरों पर रिहाई की जाती है। बीते एक साल के दौरान यहां 1236 कैदियों की समयपूर्व रिहाई की गई है। उन्होंने कहा अब जब केंद्र सरकार ने जुर्माना न भर पाने वाले बंदियों का जुर्माना भर उन्हें रिहा करवाने में मदद करने का भरोसा दिया है तो इससे जेल से भार कम होगा।