लखनऊ (ब्यूरो)। खुद को परखने के लिए प्लेटफार्म मिला तो बच्चों ने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया। क्या वे भविष्य में किसी बड़े कंपीटीशन को बीट कर सकते हैं, उनका कांफिडेंस लेवल कैसा है, बच्चों के पास करेंट में जो नॉलेज है, क्या उसके सहारे भविष्य की दिशा तय की जा सकती है? इस तरह के कई सवालों से पार पाने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स रविवार को जागरण पब्लिक स्कूल में आयोजित इंडियन इंटेलीजेंस सीजन सीजन नौ के टेस्ट का हिस्सा बने। एग्जाम में पार्टिसिपेट करने वाले स्टूडेंट्स में खासा उत्साह देखने को मिल रहा था। स्टूडेंट्स के अनुसार, पेपर बहुत ही आसान आया था। वहीं फस्र्ट टाइम एक्सपीरियंस वालों के लिए ओएमआर शीट होने की वजह से ये एग्जाम काफी डिफरेंट भी रहा।

करियर संवारने की फिक्र

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित टेस्ट में शामिल बच्चों के अंदर करियर संवारने की फ्रिक साफ दिखी। उनका उत्साह भी सातवें आसमान पर था। इस मेगा इवेंट को लेकर स्टूडेंट्स के पैरेंट्स भी पूरे उत्साह से लबरेज दिखे। बच्चों के भविष्य की चिंता के साथ ही ऐसे आयोजन के प्रति पैरेंट्स भी काफी संजीदा दिखे। स्कूलों के बाहर अपने बच्चों के इंतजार में खड़े पैरेंट्स पर भीषण गर्मी का भी कोई असर नहीं दिखा। उनका तर्क था कि बच्चे इसके जरिए अपना एनालिसिस कर सकते है। ये चीजें आगे भी काम आएंगी

खूब लगाया दिमाग

आईआईटी में क्लास फिफ्थ से ट्वेल्थ तक के स्टूडेंट्स को शामिल होना था। पेपर भी इसी ढंग से तैयार कराया गया था कि स्टूडेंट्स के आईक्यू लेवल के साथ उसके इंट्रेस्ट के पार्टिकुलर सब्जेक्ट को भी परखा जा सके। इसमें माइनस मार्किंग भी रखी गई थी। इसके चलते स्टूडेंट्स ने इंट्रेस्टिंग सवालों को हल करने में खूब दिमाग का इस्तेमाल किया। टेस्ट के दौरान स्टूडेंट्स कई प्रश्नों को सॉल्व करते समय अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतते दिखाई दिए।

आंकलन से बढ़ा हौसला

बातचीत के दौरान बच्चों ने बताया कि उन्होंने आज के पहले कभी भी ओएमआर शीट का यूज नहीं किया था। इसके साथ ही आईक्यू लेवल के प्रश्नों की भी बच्चों ने खूब तरीफ की। उनका तर्क था कि इस टेस्ट में शामिल होने के बाद खुद का आंकलन करने में आसानी होगी। उन्हें एहसास हुआ कि आगे की तैयारी किस पैटर्न पर की जा सकती है।

क्या बोले होनहार

यह एक बड़ी आपाच्र्युनिटी है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने हमको ऐसा प्लेटफार्म दिया है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स अपनी योग्यता को परख सकता है। मैंने भी यही सोच कर इस एग्जाम में पार्टिसिपेट किया है। उम्मीद है कि करियर के सलेक्शन को लेकर मेरा कन्फ्यूजन खत्म हो जाएगा।

-अपूर्व

आई वांट टू चेक माई एबिलिटी, यही कारण है कि आईआईटी में पार्टिसिपेट किया है। एग्जाम पेपर भी मेरे इस कांसेप्ट को सपोर्ट कर रहा है। सवाल देखकर लगा कि मेरा रुझान किस ओर है। एग्जाम देने में बहुत मजा आया, अब तो बस रिजल्ट का इंतजार है।

-आराध्या

आईआईटी का पेपर काफी अच्छा आया। सॉल्व करने के दौरान हर सवाल ने उलझाया, लेकिन हल भी जल्दी हो गए। जिस दिन से फार्म भरा था तभी से एग्जाम की तैयारी कर रही थी। पैरेंट्स ने भी मेरी काफी हेल्प की। जिस तरह से पेपर हुआ है उससे अच्छे नंबर आने की उम्मीद है।

-अथर्व

अपनी नॉलेज इंक्रीज करने के लिए आईआईटी में पार्टिसिपेट कर रही हूं। मेरा अपने पसंदीदा सब्जेक्ट में इंट्रेस्ट है और इसे परखने के लिए एग्जाम दिया है। सवाल हमारी नॉलेज के हिसाब से थोड़े हाई लेवल के थे।

-व्योम

एग्जाम में कुछ सवाल तो काफी सरल थे, लेकिन कई ऐसे भी थे, जिन्होंने टेंशन दी। इनको सॉल्व करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। पर फाइनली सब ठीक रहा।

-प्रशांत

पहली बार ऐसे किसी एग्जाम में शामिल हुआ। पहले तो काफी डर लग रहा था। डर के कारण शुरू में सवाल भी समझ में नहीं आ रहे थे। पर थोड़ी देर बाद सब ठीक हो गया। अपनी तरफ से तो सही जवाब दिए, अब रिजल्ट का वेट करना है।

-संस्कृति

क्या कहना था पेरेंट्स का

टेस्ट वाकई बहुत अच्छा है। करियर में नॉलेज के लिए भी एक बेस्ट ऑप्शन के रूप में आईआईटी को चुना जा सकता है।

-अनुराधा

बच्चे के लेवल के बारे में जानने का आईआईटी बेस्ट ऑप्शन है। इस एग्जाम से पता लगता है कि बच्चा अभी किस सब्जेक्ट में कहां वीक है, उसे क्या इम्पू्रव करना है।

- डॉ। कृष्णनन

पेपर वाकई बहुत अच्छा आया था, बच्चों में इस एग्जाम का काफी क्रेज था। इससे उनको अपना लेवला पता लगता है। साथ ही यह भी पता लगता है कि कहां कमी है और कहां इम्प्रूव करना है।

- कंचन

एग्जाम में हर साल हमारे बच्चे पार्टिसिपेट करते हैं। इससे पता लगता है कि उनका लेवल अभी कितना है और इम्प्रूवमेंट के लिए किस पार्ट में मेहनत की अवश्यकता है।

- नमिता

आईआईटी का क्रेज स्टूडेंट्स के बीच काफी था। इस तरह का एग्जाम हमेशा कराया जाना चाहिए ताकि अनुभव होता रहे। एग्जाम कंपीटिशन की तैयारी करने वालों के लिए बेहतर है। वैसे भी कंपीटिशन में ओएमआर शीट के माध्यम से एग्जाम होता है। एग्जाम देने के बाद स्टूडेंट्स को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। काफी स्टूडेंट्स को तो पहली बार ओएमआर शीट भरने की नॉलेज मिली है। वाकई यह एग्जाम अच्छा है।

सच्चिदानंद सिंह, प्रिंसिपल, जागरण पब्लिक स्कूल