लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां भारतीय स्टूडेंट्स की ख्वाहिश यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज जैसे संस्थानों में दाखिला पाने की होती है। ठीक उसी तरह यूएसए के स्टूडेंट्स भी लखनऊ यूनिवर्सिटी का रुख कर रहे हैं। दुनियाभर के 25 देश जिनमें यूएसए, मैक्सिको, यूक्रेन, केप वर्दे शामिल हैं, के तमाम स्टूडेंट्स ने पहली बार लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए आवेदन किया है। एलयू प्रशासन नैक में ए प्लस प्लस ग्रेडिंग मिलने समेत अपग्रेडेड फैसिलिटीज को बड़ी वजह मान रहा है, जिसके चलते एलयू विदेशी स्टूडेंट्स की पहली पसंद बनता जा रहा है।

52 से 76 हुई देशों की संख्या

इस शैक्षिक सत्र में आवेदन करने वाले विदेशी छात्रों के साथ-साथ देशों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जहां बीते साल 52 देशों के स्टूडेंट्स ने एलयू में अलग-अलग कोर्स के लिए आवेदन किया था, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर 76 हो गई है। एलयू के फॉरेन स्टूडेंट एडवाइजर प्रो। आरपी सिंह के मुताबिक, लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स में सबसे ज्यादा संख्या अफ्रीकी देशों के स्टूडेंट्स की है।

यह है डेटा

साल आवेदन

2019-20 53

2020-21 150

2021-22 370

2022-23 826

2023-24 1456

शॉर्ट टर्म कोर्स की बढ़ रही मांग

एलयू में शॅार्ट टर्म कोर्स की डिमांड बढ़ रही है। एलयू ने विदेशी छात्रों के लिए तीन महीने के शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किए हैं। अब अरेबिक, पर्शियन में छह महीने के अलावा अन्य कोर्सेज में चार महीने के कोर्स पढ़ाने की मांग बढ़ रही है। इसको लेकर एलयू विचार कर रहा है।

इन देशों से पहली बार आए आवेदन

एलयू के कोर्स में अप्लाई करने के लिए 25 देशों में से यूएसए, केप वर्दे, एस्वातिनी, यूक्रेन, मैक्सिको, भूटान, फिलिस्तीन, टोगो, अल्बानिया, सोमालिया, सेनेगल, अर्जेंटीना, कोमोरोस, सूडान, जिम्बॉम्वे, इथियोपिया, आइवरी कोस्ट, तुर्कमेनिस्तान, मोजाम्बिक, जॉर्डन, लाइबेरिया, पापुआ न्यू गिनी, रवांडा और कैमरून जैसे देश शामिल हैं।