लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ। शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी प्रशासन से परेशान दिव्यांग स्टूडेंट्स ने राजभवन के सामने भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है। हालांकि, अभी तारीख नहीं बताई है। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर वादा खिलाफी और उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समझौते के बावजूद वीसी आरोपी शिक्षकों व अधिकारियों को दूसरे प्रशासनिक पदों पर फिर बैठा रहे हैं।

भविष्य बर्बाद करने की साजिश

दिव्यांग स्टूडेंट्स का कहना है कि छह सितंबर को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अपर मुख्य सचिव हेंमत राव की मौजूदी में यूनिवर्सिटी के वीसी के साथ समझौता हुआ था। उसमें बनी सहमति और 14 सितंबर को वीसी से हुई वार्ता के बावजूद आज तक जायज मांगों को पूरा करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक भी आदेश जारी नहीं किया। उनका कहना है कि वीसी का उपेक्षा पूर्ण रवैया और मनमाने तरीके से प्रशासनिक पदों पर आसीन किए जा रहे अधिकारी व कर्मचारियों की सूची इस बात की गवाह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन पठन-पाठन सुचारू रूप से संचालित करना नहीं चाहता। यूनिवर्सिटी के छात्रों का भविष्य बर्बाद करने की पूरी साजिश चल रही है।

छात्रों पर दर्ज मुकदमे नहीं हुए वापस

दिव्यांग स्टूडेंट्स का कहना है कि समझौते में आंदोलन के दौरान स्टूडेंट्स पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया है। अभी तक कुलसचिव ने मुकदमा वापस लेने के लिए पुलिस को पत्र नहीं लिखा। उल्टे छात्र नेता शरद यादव के घर पुलिस दबिश दे रही है। जिन शिक्षकों ने दिव्यांग स्टूडेंट्स के साथ दुव्र्यवहार कर मारा पीटा है। उनके खिलाफ ना कोई विभागीय जांच कराई जा रही है और ना ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

आरोपियों को वीसी कर रहे पुरस्कृत

दिव्यांग स्टूडेंट्स का कहना है कि आरोपी शिक्षक और अधिकारियों को नए प्रशासनिक पदों पर बैठाकर वीसी उन्हें पुरस्कृत कर रहे हैं। इसमें प्रमुख रूप से परीक्षा नियंत्रक अमित राय व प्रो। शेफाली यादव शामिल हैं। परीक्षा नियंत्रक से हटाकर अमित राय को कुलसचिव व शेफाली को चीफ प्रोवोस्ट से हटाकर प्राक्टर बना दिया।

वीसी से वार्ता का कोई मतलब नहीं

स्टूडेंट्स का कहना है कि ऐसे में वीसी से अब वार्ता का कोई मतलब नहीं है। वीसी ने जिन बिंदुओं के संदर्भ में हमें आश्वासन दिया था। उस पर 16 सितंबर की शाम 5 बजे तक अगर कोई आदेश नहीं जारी किया जाता है तो मजबूर होकर के यूनिवर्सिटी प्रशासन की उपेक्षा पूर्ण रवैया के कारण राजभवन के सामने सभी दिव्यांग स्टूडेंट्स भूख हड़ताल शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।