लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में पार्किंग स्टैंड संचालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। परिसर में आने वाले मरीजों का शोषण लगातार जारी है। बुधवार को एक तीमारदार द्वारा टोकन देने के दौरान समय में हेराफेरी का मामला पकडऩे पर संचालक द्वारा पर्ची फाड़ दी गई। इस बात को लेकर तीमारदार ने हंगामा किया। आखिर में मरीज ने क्वीन मेरी के सामने मोटरसाइकिल लगाई। इसी प्रकार ओपीडी के निकट पार्किंग पर टोकन पर गलत समय दर्ज करने को लेकर एक अन्य तीमारदार की स्टैंड कर्मी से झड़प हुई।

कमाई का बनाया जरिया

केजीएमयू में स्टैंड संचालकों ने कमाई के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रखे हैं। टोकन पर समय डालने में घालमेल कर मरीजों से अधिक वसूली की जा रही है। इतना ही नहीं, अगर कोई गलत जगह पार्किंग करता है तो उसे रोकते तक नहीं हैं। बाद में गाड़ी को चेन से बांधकर 100-300 रुपये तक चालान वसूला जा रहा है। इससे केजीएमयू को आर्थिक चपत भी लग रही है। वहीं, मामले बढऩे के बाद संस्थान के अधिकारी भी हरकत में आये है। चीफ प्रॉक्टर डॉ। क्षितिज श्रीवास्तव के मुताबिक, स्टैंड संचालक को नोटिस जारी की गई है। जवाब आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

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कोरोना के 30 एक्टिव केस बचे

राजधानी में बुधवार को कोरोना के महज 2 संक्रमित रोगी पाये गये, जो अलीगंज और टूडिय़ागंज क्षेत्रों के हैं, जबकि 6 व्यक्ति कोविड संक्रमण से स्वस्थ भी हुए। जनपद में कोविड एक्टिव केसों की संख्या घटकर 30 रह गई है।

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मौत के बाद मरीज को लखनऊ किया रेफर

सीतापुर स्थित लहरपुर निवासी किशोरी के गंभीर रूप से घायल होने के बाद परिजन उसे निजी अस्पताल ले गये। जहां वेंटिलेटर की जरूरत बताई गई, लेकिन सुविधा न होने पर एंबुबैग से सांसें देने का फैसला किया। पर नली गलत हिस्से में पहुंच गई। परिवारीजनों का आरोप है कि मौत के बाद मरीज को लखनऊ रेफर कर दिया। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों ने जांच-पड़ताल के बाद मरीज को मृत घोषित कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवारीजनों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से शिकायत करने की बात कही है।