लखनऊ (ब्यूरो)। डायबिटीज बीमारी का पता चलने पर लोग कई बार डर जाते हैं कि उनकी आगे की जिंदगी मुश्किल भरी हो जायेगी। इसका असर उनकी बॉडी और माइंड, दोनों पर पड़ता है। डॉक्टर्स का मानना है कि डायबिटीज में मैनेजमेंट सबसे जरूरी होता है। इसके अलावा साइकोलॉजिकल सपोर्ट सिस्टम की भी जरूरत होती है, जो सभी अस्पतालों में होना चाहिए। खासतौर बात जब बच्चों की हो।

अस्पताल में सपोर्ट सिस्टम जरूरी

पीजीआई की डॉ। विजय लक्ष्मी भाटिया के मुताबिक, बच्चों में डायबिटीज को कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसका बॉडी के अलावा साइकोलॉजिकल असर भी होता है। ऐसे में अस्पताल स्तर पर सपोर्ट सिस्टम होना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके लिए पैरेंट्स को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बच्चों को खाने से लेकर इंसुलिन और दवा सभी का ख्याल रखना होता है। इसके अलावा डायबिटीज होने पर बच्चों के साथ पैरेंट्स पर भी कई बार साइकोलॉजिकल असर देखने को मिलता है, जिसके लिए काउंसलिंग करना बेहद जरूरी है। शुगर मैनेजमेंट के साथ साइकोलॉजिकली भी खुद को संभालना होता है।

ताकि दोनों स्ट्रांग बन सकें

डॉ। भाटिया के मुताबिक, इसी को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में ऐसे मरीजों का अलग ग्रुप बनाया गया है, जहां वे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और अपनी बातें एक-दूसरे से शेयर कर सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज डे से पहले सभी मरीजों को बुलाकर कार्यक्रम का आयोजन करता है। जहां सभी एक-दूसरे से अपनी स्टोरी शेयर करते हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए डायबिटीज से जुड़ी कई एक्टिविटीज कराते हैं, ताकि बच्चा डायबिटीज को लेकर अवेयर हो सके। साथ ही पैरेंट्स से उनकी समस्या, उसका मैनेजमेंट आदि के बारे में पूछते और बताते हैं। इस तरह का सपोर्ट सिस्टम सभी अस्पतालों में होना चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों को सपोर्ट सिस्टम की बहुत जरूरत होती है। इसके लिए सभी अस्पतालों में सपोर्ट सिस्टम बनाना चाहिए, ताकि बेहतर मैनेजमेंट किया जा सके।

-डॉ। विजय लक्ष्मी भाटिया, पीजीआई

सरकारी अस्पताल में डायबिटीज मरीज की आंख की जांच

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में डायबिटीज मरीज की आंख की जांच की सुविधा होगी। जिला अस्पतालों में आंख के डॉक्टर और जांच से जुड़े संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। शुगर का स्तर बढऩे से डायबिटीज का असर आंखों पर पड़ता है। इसकी वजह से रोशनी तक जा सकती है। डायाबिटीज मरीजों की आंखों की जांच जरूरी है, ताकि समय पर उपचार देकर रोशनी बचाई जा सके।