- परिषदीय स्कूलों में 16 दिन की छुट्टियों के बाद होनी थी सेशनल एग्जाम

- शिक्षकों का आरोप, समय पर नहीं मिली सूचनाएं कई स्कूल में बच्चों का एग्जाम छूटा

LUCKNOW :

परीषदीय विद्यालयों में हाफ इयरली एग्जाम नवंबर और दिसंबर में होते हैं, वहीं एनुअल एग्जाम मार्च में होते हैं। वहीं सेशनल एग्जाम साल में दो बार होते हैं। इसमें क्लास 1 से लेकर 8 तक के बच्चों का एग्जाम होता है। डीएम के आदेशों के बाद 6 जनवरी से स्कूल खुले थे, वहीं परिषदीय विद्यालय 7 जनवरी से खुले। परिषदीय विद्यालय करीब 16 दिन के अवकाश के बाद खुले थे। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने डीएम के आदेशानुसार सोमवार देर शाम सेशनल एग्जाम शेड्यूल जारी किया था।

जारी किया दूसरा आदेश

डीएम ने पहले मंगलवार सुबह नौ बजे से एग्जाम प्रोग्राम जारी किया। इसके कुछ ही देर बाद सुबह 10 बजे से एग्जाम प्रोग्राम जारी कर दिया। बीएसए अमरकांत सिंह के मुताबिक सभी शिक्षकों को प्रोग्राम के बारे में वाट्सएप ग्रुप पर सूचित किया गया था।

छूट गए एग्जाम

मंगलवार को स्कूलों का ये आलम था कि कहीं बच्चे ही नहीं आए तो कहीं शिक्षकों ने रोज की तरह पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्हें एग्जाम की सूचना तक नहीं थी। वहीं जिन विद्यालयों को एग्जाम की जानकारी हुई वहां बच्चे समय पर नहीं पहुंचे, जिससे उनका एग्जाम छूट गया। इस असमंजस के लिए टीचर जहां शिक्षा विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग ने सारा दोष टीचर्स पर डाल दिया है। हालांकि कहा जा रहा है कि जिन स्टूडेंट्स के एग्जाम छूटे हैं, उनका दोबारा एग्जाम कराया जाएगा।

जिन स्टूडेंट्स के एग्जाम छूट गए हैं, उनका दोबारा एग्जाम कराया जाएगा।

डॉ। सवर्ेंद्र विक्रम सिंह

निदेशक, बेसिक शिक्षा

सबको सूचित कर दिया गया था, उन्हें अपनी तैयारी रखनी चाहिए थी। वाट्सएप ग्रुप में सभी को सूचित कर दिया गया था। जिन स्टू्रडेंट्स के एग्जाम छूटे हैं, वो दोबारा कराए जा सकते हैं।

डॉ। अमरकांत सिंह, बीएसए