लखनऊ (ब्यूरो)। सड़क पर वेस्ट न आए, इसके लिए 100 से अधिक प्वाइंट्स पर कॉम्पैक्टर्स लगाए गए थे। पहले तो इनका रिस्पांस अच्छा रहा लेकिन गुजरते वक्त के साथ ये कॉम्पैक्टर्स जवाब देने लगे। आज 70 फीसद से अधिक कॉम्पैक्टर्स शोपीस बनकर रह गए हैं, जिससे सड़क पर वेस्ट देखा जा सकता है।

मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं

शहर में कॉम्पैक्टर्स तो लगा दिए गए लेकिन उनकी मॉनीटरिंग का सिस्टम नहीं बनाया गया। जिससे रखरखाव के अभाव में ज्यादातर कॉम्पैक्टर्स खराब हो गए। अभी ये अलग-अलग स्थानों पर लगे तो हैैं लेकिन इनका कोई फायदा नहीं है। इसकी वजह से प्रमुख सड़कों के किनारे वेस्ट फैला रहता है।

अब ये है प्लानिंग

निगम की वित्तीय स्थिति बेहतर नहीं है, ऐसे में हर कॉम्पैक्टर का मेंटीनेंस कराया जाना संभव नहीं है। इस वजह से अब 50 से अधिक स्थानों पर प्लास्टिक शीट लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे वेस्ट को कवर किया जा सके। शीट लग जाने के बाद यहां से निगम की गाडिय़ां वेस्ट कलेक्ट करके शिवरी प्लांट ले जाएंगी, जहां वेस्ट का निस्तारण किया जाएगा।

स्पेस भी कम घिरेगा

प्लास्टिक शीट को लगाने का एक फायदा यह भी है कि इसमें स्पेस कम कवर होता है, जबकि कॉम्पैक्टर्स को लगाने में ज्यादा स्पेस की जरूरत पड़ती है साथ ही बिजली कनेक्शन की भी आवश्यकता होती है। इतना है कि समय-समय पर शीट की क्वालिटी की मॉनीटरिंग करनी पड़ेगी। अगर शीट टूटी मिलती है तो उसे चेंज कर दिया जाएगा।

मॉनीटरिंग पर फोकस भी

इस बार मॉनीटरिंग की दिशा में भी फोकस किया जा रहा है। जिससे इस कदम का हश्र कॉम्पैक्टर्स जैसा न हो। प्लास्टिक शीट की मॉनीटरिंग के लिए जोनवार टीमें भी गठित की जाएंगी, जो समय-समय पर अपनी रिपोर्ट देंगी।

स्थान चिन्हिकरण का काम शुरू

प्लास्टिक शीट को लगाने के लिए स्थान चिन्हिकरण का काम शुरू हो गया है। हजरतगंज, महानगर, चिडिय़ाघर रोड, इंदिरानगर, कानपुर रोड समेत कई स्थानों पर सड़क के किनारे प्लास्टिक शीट लगाई जाएंगे। इन स्थानों पर सफलता के बाद अन्य जगहों पर भी प्लास्टिक शीट लगाई जाएगी।

कई स्थानों पर प्लास्टिक शीट लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। जिससे रोड पर वेस्ट न नजर आए। खराब कॉम्पैक्टर्स को भी सही कराने की प्लानिंग हो रही है।

संयुक्ता भाटिया, मेयर