- पीजीआई में मनाया गया पहला रिसर्च डे

- आज मनाया जायेगा 37वां स्थापना दिवस

LUCKNOW: इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस के ज्वाइंट रिसर्च की मदद से जल्द ही आधार कार्ड की तरह मरीजों का भी जिनोम कार्ड होगा। इसकी मदद से डॉक्टर्स पता लगा सकेंगे कि कौन सी दवा किस मरीज के इलाज के लिए बेहतर होगी। इस पर काम भी हो रहा है। यह बातें रविवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी रायपुर के निदेशक डॉ। प्रदीप कुमार सिन्हा ने कही। वह पीजीआई के पहले रिसर्च डे पर वर्चुअली शामिल हुए थे।

कॉमन रिसर्च प्लेटफार्म की जरूरत

वर्चुअल सेमिनार के दौरान संस्थान के पिडियाट्रिक मेडिसिन विभाग के डॉ। मोनिक सेन शर्मा ने रिसर्च प्लेटफार्म बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कई रिसर्च इंस्टीट्यूट में नई फैकल्टी होने की वजह से एक दूसरे के बारे में जानकारी नहीं होती है। ऐसे में इन सभी को एक कॉमन रिसर्च प्लेटफार्म पर लाने की जरूरत है। इस पर रिसर्च सेल के प्रभारी प्रो। यूसी घोषाल ने बताया कि शोध के लिए कई संस्थान से समझौता किया है। इससे भविष्य में जूनियर फैकल्टी के सामने भी रिसर्च के लिए कई ऑप्शन होंगे।

रिसर्च के लिए बढ़ेगी अनुदान राशि

पीजीआई निदेशक प्रो। आरके धीमान ने बताया कि रिसर्च की अनुदान राशि को तीन गुना बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। सामान्य लैब की सुविधाओं को बढ़ाते हुये और मार्डन किया जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा विभाग के सदस्यों को रिसर्च का मौका मिल सके।

संस्थान और देश का नाम करता है रौशन

नेशनल मेडिकल काउंसिल के प्रमुख डॉ। एसके सरीन ने कहा कि डॉक्टर्स को समय के साथ खुद को हाईब्रिड मोड में लाना होगा यानी उनको मरीजों को देखने के साथ लैब में रिसर्च भी करना चाहिए। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ। अरूनालोक चक्रवर्ती ने बताया कि एक संकाय सदस्य अपनी विधा में सफल तो होता ही है, लेकिन रिसर्च की मदद से वह इंटरनेशनल लेवल पर अपने डिपार्टमेंट, संस्थान और देश का नाम रौशन करता है।

11 पेपर्स का किया गया चयन

रिसर्च डे पर 60 से ज्यादा डिपार्टमेंटल मेंबर्स द्वारा अपने पिछले तीन वर्षो में किए गए रिसर्च को प्रस्तुत किया गया। उनमें से 11 सर्वश्रेष्ठ पेपर्स का चयन पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया के पैनल ने किया, जिनको सोमवार को संस्थान के 37वें स्थापना दिवस पर सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट सीएम योगी, आईसीएमआर के महानिदेशक और सचिव प्रो। बलराम भार्गव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहेंगे।

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यह है जिनोम कार्ड

सुपर कंप्यूटर के जरिए डीएनए और आरएन की पहेली को सुलझाना ही जिनोम स्टडी है। हर व्यक्ति का जीनोम अलग होता है। ऐसे में पर्सनलाइज्ड मेडिसिन पर काम हो रहा है। इसके तहत हर मरीज के जीनोम के आधार पर दवा तैयार की जाएगी ताकि उसे जल्दी आराम मिल सके।