लखनऊ (ब्यूरो) सभी वार्डों में सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। ड्यूटी संबंधी रिकॉर्ड तो मेनटेन होता है लेकिन लोकेशन को लेकर कोई अलग से चार्ट नहीं बनाया जाता है। जैसे किसी वार्ड में 50 कर्मचारी लगाए गए हैैं तो यह संख्या निगम के अधिकारियों को पता होती है लेकिन इसकी जानकारी नहीं होती है कि 50 कर्मियों में किस कर्मचारी की ड्यूटी किस गली में लगी है। जिससे उन्हें ट्रेस करने में समस्या आती है। कई सफाईकर्मी इसका गलत फायदा उठाते हैं, जिससे वार्डो में गंदगी बनी रहती है।
सत्यापन भी नहीं होता
निगम की ओर से इस बिंदु पर कोई सत्यापन भी नहीं कराया जाता है। हाल में ही निगम प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में यह सच सामने आ चुका है। जिसके बाद अब निगम प्रशासन की ओर से अब इस खामी को दूर करने की कवायद शुरू की है।
सॉफ्टवेयर से मिलेगी जानकारी
निगम की ओर से तैयार किए जा रहे सॉफ्टवेयर में इस खामी को दूर किया जाएगा। पहले सभी सफाई कर्मियों की अटेंडेंस स्मार्ट फोन से लगेगी, जिससे वे ड्यूटी प्वाइंट से गायब नहीं रह सकेंगे। वहीं सॉफ्टवेयर में सभी सफाईकर्मियों का एक डेटा बेस भी तैयार किया जा रहा है। जिसमें एक-एक कर्मचारी का नाम, उसका आधार नंबर, खाता संख्या, ड्यूटी प्वाइंट को भी अंकित किया जाएगा। जिससे यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि किस कर्मचारी की ड्यूटी किस वार्ड में किस स्थान पर लगी है।

डिमांड भी होगी ऑनलाइन
सॉफ्टवेयर डेवलप होने के बाद एक और महत्वपूर्ण बिंदु को इससे जोड़ दिया जाएगा। अगर किसी वार्ड में ज्यादा सफाई कर्मियों की जरूरत है तो संबंधित कार्यदायी संस्था की ओर से सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही ऑनलाइन डिमांड की जाएगी। इसके आधार पर पहले उस वार्ड का सर्वे कराकर देखा जाएगा कि क्या वास्तविकता में अधिक सफाई कर्मियों की जरूरत है। अगर डिमांड सही मिलती है तो सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

लगातार होगी समीक्षा
निगम की ओर से यह भी निर्णय लिया गया है कि समय-समय पर सभी वार्डों में रियलिटी चेक भी कराए जाएंगे। जिससे यह देखा जा सके कि निर्धारित कर्मी ही काम कर रहे हैैं या नहीं।

सफाई कर्मियों से जुड़े हर एक डेटा को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिससे कोई भी सफाई कर्मी लापरवाही न बरत सके। ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने से लापरवाह सफाई कर्मियों को आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा।
अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त