लखनऊ (ब्यूरो)। गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कृषकों, बागवानों, सरकारी व गैर सरकारी उद्यानों के प्रतिभागियों को बधाई देती हूं। सभी विजेताओं को बधाई देती हूं। प्रदेश की आबादी 130 करोड़ से अधिक है यदि एक व्यक्ति एक पौधा लगाये और उसकी देखभाल करें तो देश में शुद्ध वायु एवं जल की कोई कमी नहीं होगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि इस बार प्रदर्शनी में अब तक 1 लाख से अधिक उद्यान प्रेमियों ने भ्रमण किया है। कुल 889 पुरस्कारों से सम्मानित कर उनका हौंसला बढ़ाया गया है।

इनका हुआ सम्मान

प्रदर्शनी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विजेताओं की श्रृंखला के तहत पूरी प्रदर्शनी में सर्वाधिक 139 अंक प्राप्त करने के लिये अधीक्षक राजभवन उद्यान को अतिविशिष्ट चल बैजयंती तथा 11 हजार का नकद पुरस्कार दिया गया। जबकि 73 अंको के साथ व्यक्तिगत वर्ग में लामार्टीनियर कॉलेज के चल कप व 51 हजार का नकद पुरस्कार, 66 अंको के साथ प्रतियोगी संख्या 157 को चल कप व 31 हजार का नगद पुरस्कार तथा 59 अंको के साथ प्रतियोगी संख्या 168 को चल कप व 11 हजार का नकद पुरस्कार दिया गया। 4 से 9 वर्ष आयु वर्ग में कलात्मक पुष्प सज्जा के लिए प्रथम पुरस्कार पाने वालों में संस्कृति टंडन, यश दीक्षित, प्रतिष्ठा धुसिया आदि शामिल हैं

इन्हें भी मिला सम्मान

एकल प्रतियोगिताओं में शाकभाजी के लिये हरीश चंद्र सक्सेना चल बैजयंती अधीक्षक जिला कारागार सीतापुर, यूरोपियन सब्जियां सभी प्रतियोगियों के लिये चल बैजयंती जय प्रकाश निषाद, लखनऊ को संस्थाओं द्वारा उद्यानों में गमले के अनुरक्षित पौधों के लिये मेसर्स मलिक नर्सरी चल कप, लखनऊ विकास प्राधिकरणों को, गमलों के कलात्मक समूह के लिये स्व। बृज किशोर श्रीवास्तव चल बैजयंती यूपी मेट्रो कॉर्पोरेशन, गुलाब के कटे फूलों के लिये स्व। शिवधन यादव चल बैजयंती सीमैप लखनऊ को प्रदान किया गया। व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धाओं में फोटोग्राफी के लिये चल बैजयंती प्रशांत कुमार सिंह, हाइब्रिड शाकभाजी में विश्व नरायन श्रीवास्तव, पॉलीहाउस उत्पादित सब्जियों के लिये पोद्दार नेस्ट जेन फर्म को दिया गया। इसके अलावा मौनपालकों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये संयुक्त रूप से ओम प्रकाश हरदोई तथा राजकीय मौन पालक उपकेंद्र आलमबाग को पुरस्कृत किया गया। वहीं, कलात्मक पुष्प सज्जा केवल महिलाएं में संयुक्त रूप से स्वाती सिंह व शक्ति निगम, फूलों से बनी आकृतियों के लिये संयुक्त रूप से मेट्रो कॉर्पोरेशन व प्रशांत कुमार सिंह को पुरस्कार दिया गया।