लखनऊ ब्यूरो: चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन मां के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा व उपासना की गई। इस दौरान राजधानी के विभिन्न देवी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। वहीं, व्रती लोगों ने घरों में मां की पूजा-उपासना के बाद व्रत का पारण किया। इस दौरान भक्तों ने कन्याओं को भी घरों में बुलाकर उनका पूजन किया।

मंदिरों में हुआ हवन

नवरात्रि के आखिरी दिन देवी मंदिरों में सुबह पुजारियों द्वारा मां का भव्य श्रंृगार के बाद उनकी विधिवत आरती की गई। इसके बाद मंदिरों में ही पूजन व हवन किया गया, जिसमें मंदिर समिति के लोगों समेत भक्तों द्वारा भी हिस्सा लिया गया। वहीं, पूर्वी देवी मंदिर में मां का सिद्धिदात्री स्वरूप में भव्य श्रंृगार किया गया। इसके अलावा संदोहन देवी मंदिर, बड़ी-छोटी कालीजी मंदिर, दुर्गाजी मंदिर, छोटी-बड़ी कालीबाड़ी समेत अन्य मंदिरों में भी मां के भव्य श्रंृगार के साथ शाम को महाआरती का आयोजन हुआ। देर शाम तक मंदिरों में भक्तों की भीड़ बनी रही।

कंजिका पूजन किया गया

नवरात्रि के आखिरी दिन लोगों ने घरों में हलवा-पूड़ी व चना आदि का प्रसाद बनाया। मां को भोग लगाने के बाद कंजिका पूजन किया गया। करीब दो साल बाद कोरोना के मामले कम होने के कारण भक्तों ने कंजिकाओं को घर बुलाकर उनका पूजन-अर्चन किया। साथ ही खाने के पैकेट देकर उनको विदा किया। इसके अलावा मंदिरों में भी दान-पुण्य किया गया। इस दौरान भक्तों ने मां से कोरोना के दोबारा न आने के अलावा परिवार में सुख-शांति व समृद्धी की मंगलकामना की। इसके बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण किया।

कल होंगे मां के चरणों के दर्शन

दूसरी ओर चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में मंगलवार को एकादशी के अवसर पर मां के चरणों के दर्शन भक्तों का सुलभ होंगे। मां के चरणों के दर्शन साल में केवल दो बार नवरात्रि के बाद एकादशी के दिन होते हैं। मां के चरणों के दर्शन सुबह से लेकर रात 12 बजे तक होंगे। साथ ही सुबह 10 बजे से सुंदरकांड पाठ और शाम 6 बजे से गायत्री महादीप यज्ञ का आयोजन होगा।