लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पूर्वी अमित आनंद के अनुसार रूचि के शव की शिनाख्त के बाद से पुलिस उसकी कॉल डिटेल के जरिए हत्यारोपी की तलाश कर रही थी। रूची ने लास्ट कॉल प्रतापगढ़ रानीगंज के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव के मोबाइल पर की थी। रूचि की लास्ट लोकेशन पीजीआई इलाके में मिली थी। जिसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया था। कॉल डिटेल के आधार पर पीजीआई पुलिस रविवार देर रात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव तक पहुंची। उससे पूछताछ में सामने आया कि महिला सिपाही की एक साल पहले फेसबुक के जरिए पद्मेश से दोस्ती हुई थी। जिसके बाद दोनों में अफेयर शुरू हो गया था।

तीन को किया गिरफ्तार

पीजीआई पुलिस ने महिला सिपाही की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रूची के भाई की तहरीर पर पीजीआई पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव उनकी वाइफ व एक सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है। रूची की मौत सिर पर गंभीर प्रहार के चलते हुई है। पीएम रिपोर्ट में उसकी पुष्टि हुई है। जांच के लिए उसका बिसरा भी सुरक्षित रखा गया हैै।

शादी का बना रही थी दबाव

रूचि की शादी 2019 में सिपाही नीरज से हुई थी। वहीं तहसीलदार पद्मेश भी शादी शुदा है। इसके बाद भी रूचि तहसीलदार पर शादी का दबाव बना रही थी। जिससे तहसीलदार परेशान था। कार्रवाई की धमकी देने पर मामला बिगड़ गया था। जिसके बाद तहसीलदार ने उससे पीजीआई इलाके में कॉल करके बुलाया और वहीं एक सहयोगी के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।

सात दिन बाद दर्ज हुई थी रिपोर्ट

शनिवार को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रुचि के गुम होने की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय में तैनात अनुभाग अधिकारी एमपी सिंह ने दर्ज कराई थी। बिजनौर निवासी रूचि की तैनाती पुलिस मुख्यालय में थी। 13 फरवरी को उसकी ड्यूटी थी। काम पर नहीं आने पर रुचि को उसके साथी तलाश रहे थे। कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।

भाई ने की शव की पहचान

एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक शव की पहचान के लिए रूचि के भाई शुभम और पिता योगेंद्र को सूचना दी गई थी। रविवार को शुभम लखनऊ पहुंचा था। जिसके बाद पुलिस उसे लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंची थी। जहां शुभम ने शव की पहचान बहन रूचि के तौर पर की है। इंस्पेक्टर पीजीआई धर्मपाल सिंह के मुताबिक पद्मेश श्रीवास्तव से हत्या किस तरह और कब की गई। शव को कैसे ठिकाने लगाया। इन सवालों के जवाब मिलना बाकी है।