- भातखंडे विश्वविद्यालय ने मनाया 10वां दीक्षांत समारोह

- महिलाओं के हिस्से में आए सबसे ज्यादा मेडल

LUCKNOW:

हर विद्यार्थी का पहला लक्ष्य डिग्री-उपाधि प्राप्त करना और दूसरा लक्ष्य उस योग्यता के आधार पर जीवन के आगामी लक्ष्य की सम्पूर्ति करना होता है। हमें नई पीढ़ी के मन में भारतीय संस्कृति, भारतीय संगीत एवं भारतीय कला के प्रति सम्मान पैदा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें संगीत व नृत्य सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह बात गवर्नर व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता के दौरान कहीं।

स्वास्थ्य परिक्षण करवाना चाहिए

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान, कला और संगीत की अमूल्य विरासत निहित है। यहां शास्त्रीय और भक्ति संगीत के साथ ही लोक संगीत का प्रचुर खजाना मौजूद है। इसके साथ विश्वविद्यालयों को अपने छात्रों का चिकित्सीय परीक्षण कराना चाहिए। इस अवसर पर आमंत्रित स्कूली बच्चों को राज्यपाल ने बैग, पुस्तक व फल आदि दिए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ। राजेश्वर आचार्य तथा भातखंडे विश्वविद्यालय के वीसी रंजन कुमार आदि मौजूद रहे। सर्वाधिक 6 मेडल उसमीत सिंह को गायन में मिले।

मेडल पर एक नजर

- महिलाओं को 13 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रांज मेडल

- पुरुषों को 11 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रांज मेडल

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस दौरान सत्य प्रकाश सिंह ने सितार वादन में राग श्याम कल्याण विंलबित तीन ताल में प्रस्तुति दी। सूरज मिश्रा ने एकल तबला वादन और उनके साथ जीशान सारंगी ने तीन ताल की प्रस्तुति दी। प्रिया और प्रगति ने नृत्य कर मन मोहा। वहीं राम स्तुति ने कथक कर सभी का दिल जीत लिया। समूह गायन में राग बसंत और राग खमाज में ठुमरी सखी सांवरे की प्रस्तुति शामिल रही।

गायन के क्षेत्र में मुझे सबसे ज्यादा गोल्ड मिले, इस बात की बेहद खुशी हो रही है। यह मेरे पेरेंट्स की दुआओं का असर है। आगे चलकर गायन के ही क्षेत्र में काम करना चाहता हूं।

उसमीत सिंह, गायन

तबला वादन मुझे शुरू से ही काफी पसंद है। अच्छा लगता है जब आपकी तपस्या का फल मिलता है। यह सब गुरुजनों का ही आशिर्वाद है। आज काफी खुशी महसूस हो रही है।

ज्योति सिंह, तबला वादन

गवर्नर मैडम के हाथों मेडल मिलने की अपनी एक अलग ही खुशी है। यह मेडल मैं अपने गुरुजनों और पेरेंट्स का समर्पित करती हूं। मैं अपनी मां का सपना पूरा करना चाहती हूं।

प्रिया सैनी, कथक

मुझे बचपन से ही डांस का बेहद शौक रहा है। बड़ी होने पर भरतनाट्यम शैली सबसे अधिक पसंद आई। इसीलिए इसी शैली में आगे अपना और देश का नाम रौशन करना है।

कृति सिंह, भरतनाट्यम

डांस का शौक मुझे मेरी मां से मिला है। उन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया है। मेरी यह साधना उनको ही समर्पित है। कोई भी सम्मान हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

अनुपम सिंह, कथक