लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक शेखर ने बयान में स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण की बात कही थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस टीम गठित की गई है, जो अलग-अलग बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। वहीं, अस्पताल से मुक्त कराए गए मजदूरों का कोर्ट के सामने बयान दर्ज कराया गया।

शेखर को रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ

शेखर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा। इसके लिए न्यायालय में अर्जी दी गई है। उधर, कुछ लोग आशंका जता रहे हैं कि अस्पताल में मजदूरों पर किसी कंपनी की दवा का ट्रायल किया जा रहा था। पुलिस इस दिशा में भी साक्ष्य संकलन कर रही है।

अन्य सदस्यों की तलाश जारी

पुलिस अस्पताल की प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट होगा। उधर, पांच सौ रुपये का लालच देकर मजदूरों को ट्रक में भरकर अस्पताल पहुंचाने वाले ठेकेदार को पुलिस नहीं पकड़ पाई है। आरोपी ठेकेदार दिल्ली का रहने वाला है। डीसीपी पश्चिम की टीम ठेकेदार की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने अस्पताल संचालक के बेटे से ज्यादा रुपये लिए थे, लेकिन मजदूरों से पांच सौ रुपये में ही बात तय की थी। पुलिस मजदूरों को दिए गए इंजेक्शन और दवाओं का ब्योरा तैयार कर रही है,

स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। माना जा रहा है कि विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अस्पताल में अवैध काम किए जा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को अभी तक सील करने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया है। इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है। उधर, श्रम विभाग की ओर से बुधवार को दर्ज कराई गई एफआईआर में भी अभी तक पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है।