लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के कई इलाकों में एक बार फिर जलभराव का खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह नाला सफाई नहीं बल्कि सीवरेज सिस्टम की बदहाली है। कई इलाके ऐसे हैैं, जहां सालों से सीवरेज सिस्टम का इंतजार है। सीवरेज सिस्टम न होने की वजह से यहां के लोग भारी बारिश होने की स्थिति में घरों में कैद हो जाते हैैं। एरिया में भरे बारिश के पानी के निकलने के बाद ही उन्हें राहत मिलती है। वहीं, कई वार्ड ऐसे हैैं, जहां सालों पुरानी सीवरेज लाइन पड़ी हुई है, इसकी वजह से ओवरफ्लो की समस्या सामने आती है, परिणामस्वरूप जनता को जलभराव से जूझना पड़ता है।

आलमबाग एरिया के हैैं मोहल्ले

आलमबाग एरिया के अंतर्गत आने वाले दर्जनों मोहल्लों में रहने वाले लोगों को आज भी सीवर लाइन का इंतजार है। करीब 10 साल पहले जब सीवरेज प्रोजेक्ट बना तो इन मोहल्लों में रहने वाले हजारों लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन गुजरते वक्त के साथ उनकी उम्मीदें कागजों में ही सिमट कर रह गईं। इसकी वजह यह रही कि कई अन्य वार्डों में तो सीवरेज का काम हुआ, लेकिन तीन वार्डों में कोई कदम नहीं उठाया गया। तत्कालीन वार्ड पार्षद से लेकर स्थानीय लोगों ने शहर सरकार से लेकर नगर निगम प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों से कई बार समस्या दूर किए जाने की मांग की, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

तीन वार्डों में दर्जनों मोहल्ले

रामजी सरदार पटेल नगर वार्ड, चित्रगुप्त नगर और हिंद नगर वार्ड के अंतर्गत दर्जनों मोहल्ले आते हैैं। जिसमें मुख्य रूप से रामनगर, श्रीनगर, समर विहार, मंगलखेड़ा, सुभाष नगर, भोलाखेड़ा और विजय नगर इत्यादि मोहल्ले शामिल हैैं। इन सभी मोहल्लों की आबादी काफी घनी है। इन तीन वार्डों की कुल आबादी पौने दो लाख के आसपास है।

2012 में बना था प्रोजेक्ट

स्थानीय लोगों एवं पूर्व पार्षद की माने तो करीब 10 साल पहले वर्ष 2012 में 482 करोड़ का सीवर लाइन प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसके बाद उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें समस्या से निजात मिल जाएगी, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सका है। लोगों का कहना है कि जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उसमें अगर कोई दिक्कत है तो उसे संशोधित करके नए सिरे से इंप्लीमेंट किया जाए। यह भी जानकारी सामने आई है कि पांच अन्य वार्डों में सिर्फ ब्रांच लाइन ही बिछी है। इन वार्डों में गुरु गोविंद सिंह वार्ड, कुंज बिहारी वार्ड, गीतापल्ली, ओमनगर इत्यादि शामिल हैैं। अभी इन वार्डों में सीवरेज के काम को पूरा किया जाना बाकी है।

विस्तारित एरियाज में चुनौती

नगर निगम में 88 गांव भी शामिल हो गए हैैं। इन गांवों में अभी तक जलनिकासी के प्रॉपर इंतजाम नहीं हैैं। ऐसे में जब झमाझम बारिश होगी तो इन गांवों में जलभराव की समस्या जरूर सामने आएगी। अभी तक नगर निगम प्रशासन की ओर से इन नए इलाकों के लिए कोई ठोस रणनीति भी नहीं बनाई गई है। जब से नए इलाके निगम में शामिल हुए हैैं, वहां के लोग लगातार सुविधाएं डेवलप करने की मांग कर रहे हैैं। इस बार इन इलाकों से पार्षद भी जीते हैैं। जब जलभराव होगा तो जनता की ओर से पार्षदों से सवाल जवाब किए जाएंगे।

यहां बिछी है सालों पुरानी पेयजल लाइन

लालकुआं, पुराना लखनऊ, हैदरगंज, मौलवीगंज समेत कई ऐसे वार्ड हैैं, जहां सालों पुरानी सीवरेज लाइन पड़ी हुई है। इसकी वजह से जब तेज बारिश होती है तो सीवरेज लाइन वॉटर फ्लो का सामना नहीं कर पाती हैैं और जलभराव की समस्या सामने आती है। यहां के भी वार्ड पार्षदों की ओर से कई बार नई सीवरेज लाइन की मांग की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। गुजरते वक्त के साथ इन इलाकों में हालात और भी ज्यादा भयावह होते जा रहे हैैं। इन इलाकों से गुजरने वाले नालों की भी अभी तक प्रॉपर सफाई नहीं हो सकी है, जिससे इन इलाकों में जलभराव होने का खतरा मंडरा रहा है।

बोले लोग

वक्त गुजरता जा रहा है, लेकिन अभी तक सीवर लाइन की सुविधा नहीं मिल सकी है। सीवरेज सिस्टम न होने की वजह से हर साल बारिश में एरिया टापू में तब्दील हो जाता है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।

-धर्मेंद्र, स्थानीय निवासी

मैैंने तो कई बार कार्यकारिणी से लेकर सदन में सीवरेज लाइन को लेकर मांग उठाई। हर बार आश्वासन दिया गया कि जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक इस दिशा में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है।

-गिरीश मिश्र, पूर्व पार्षद, रामजी सरदार पटेल नगर वार्ड

निश्चित रूप से सीवरेज सिस्टम बड़ी समस्या है। अगर सीवरेज सिस्टम प्रॉपर हो जाए तो बड़ी आबादी को जलभराव की समस्या से राहत मिल सकती है। मैैं इस बार पार्षद बनी हूं, निश्चित रूप से जब सदन होगा तो जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

-संध्या मिश्रा, पार्षद, रामजी सरदार पटेल नगर वार्ड

मेरे वार्ड में सालों पुरानी सीवरेज लाइन बिछी हुई है। इसकी वजह से भी कुछ एरियाज में जलभराव की समस्या सामने आती है। इस समस्या को दूर करने के लिए कई बार मांग की गई लेकिन हर बार आश्वासन मिला। नई सीवरेज लाइन बिछाया जाना बेहद जरूरी है।

-सुशील तिवारी पम्मी, पार्षद, लालकुआं