- कई अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर लाने पर ही कर रहे भर्ती

LUCKNOW: राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बनी हुई है] जिसको देखते हुए सरकार द्वारा दो टैंकर ऑक्सीजन बोकारो से मंगवाये गये थे। इसके आने के बाद राजधानी के कुछ कोविड अस्पतालों को राहत जरूर मिली है, लेकिन छोटे छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आलम यह है कि छोटे अस्पताल बेड तो देने को तैयार हैं, लेकिन तीमारदारों को इसके लिए मरीज की आवश्यकता अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर भी खुद ही लाने के लिए बोल रहे हैं। ऐसे में मरीजों की भर्ती भी अटकी हुई है तो कहीं परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं।

कुछ राहत, लेकिन जरूरत ज्यादा

एरा मेडिकल कॉलेज को लिक्विड और सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई के बाद मरीजों के बेहतर इलाज की उम्मीद जगी है जबकि लोकबंधु कोविड अस्पताल में रोजाना 250 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है। एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी बताते हैं कि शासन से ऑक्सीजन मिलने से काफी राहत मिली है। खाली सिलेंडरों को दोबारा भरवाने के लिए तीन गाडि़यां लगा रखी गई हैं। फिलहाल अस्पताल में ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत नहीं है। बलरामपुर अस्पताल में भी ऑक्सीजन की उपलब्धता में 20 फीसद का सुधार आया है। यहां पर तीन सौ बेडों की क्षमता पर रोजाना करीब 350 तक ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत के बावजूद मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं है। अस्पताल के एमएस डॉ। हिमांशु चतुर्वेदी का कहना है कि पहले के मुकाबले कुछ स्थिति बेहतर हुई है। वहीं, मेयो हॉस्पिटल में स्थिति जस की तस बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन द्वारा अभी भी नए मरीजों की भर्ती शुरू नहीं कराई गई है।