- मोहनलालगंज तहसील में मिली 25 एकड़ भूमि

- ट्रे¨नग के साथ सड़क सुरक्षा के लिए होंगे शोध भी

रुष्टयहृह्रङ्ख: पुलिस सुधार की दिशा में शासन ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सूबे के पहले यातायात प्रशिक्षण महाविद्यालय के लिए लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील के परवर पश्चिम में 25 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यातायात पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह देश का पहला राज्यस्तरीय यातायात प्रशिक्षण महाविद्यालय होगा। जल्द महाविद्यालय के निर्माण का कार्य शुरू होगा।

सूबे में यातायात व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण पहल है। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को और बेहतर व नियमित प्रशिक्षण दिए जाने के साथ ही महाविद्यालय में प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारणों व उनकी रोकथाम के लिए शोध भी होंगे। यातायात पुलिस में करीब 5080 कर्मी तैनात हैं और पांच हजार अन्य पुलिसकर्मी भी जल्द यातायात पुलिस का हिस्सा बनने जा रहे हैं। वर्तमान में यातायात उपनिरीक्षकों की ट्रे¨नग सीतापुर स्थित आ‌र्म्स पुलिस ट्रे¨नग कॉलेज में होती है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के मुख्य आरक्षी व आरक्षी का प्रशिक्षण अलग-अलग जिलों में होता है, जबकि यातायात निरीक्षकों को ट्रे¨नग के लिए महाराष्ट्र व दिल्ली जाना पड़ता था। अब निरीक्षक से लेकर सिपाही तक की ट्रे¨नग महाविद्यालय में ही होगी।

एडीजी यातायात अशोक कुमार सिंह का कहना है कि चूंकि यातायात पुलिस में कर्मी सिविल पुलिस व पीएसी से निर्धारित अवधि के लिए आते हैं, इसलिए उनका प्रशिक्षण बेहद महत्वपूर्ण होता है। यातायात प्रशिक्षण महाविद्यालय में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को अलग-अलग पदों के अनुरूप बेहतर व नियमित प्रशिक्षण दिलाया जा सकेगा। प्रशिक्षण के लिए नए मानक भी तय किए जाएंगे। इसके अलावा यातायात पुलिसकर्मियों को नए उपकरणों व नए कानूनों का भी विस्तृत प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। सड़क हादसों के आंकड़ों व दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण तथा केस स्टडी के आधार पर सड़क सुरक्षा के बेहतर उपाय भी तलाशे जाएंगे। महाविद्यालय में वालेंटियर को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया गया कि यातायात निदेशालय ने महाविद्यालय के लिए करीब 40 एकड़ भूमि की मांग की थी।

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