लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ से गोरखपुर समेत विभिन्न रूटों पर चलने वाली टे्रनों की स्पीड बढ़ाने का ब्लूपिं्रट तैयार किया गया है। इसके लिए लखनऊ आने-जाने वाले रूटों पर सेफ्टी फेंसिंग बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद वंदे भारत की स्पीड 160 और एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड 130 प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी। वर्ष 2025 के फाइनेंशियल ईयर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट के पूरा होने पर सफर का समय काफी हद तक कम हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रबंधन का कहना है कि पूरे रूट पर सेफ्टी फेंसिंग (बाड़ दीवार) का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ट्रेनों की स्पीड बढ़ा दी जाएगी।

दुर्घटनाओं की वजह से स्पीड पर लगाम

रेलवे प्रबंधन ने बताया कि वर्तमान में लखनऊ से चलने वाली वंदे भारत की स्पीड लगभग 110 किलोमीटर प्रतिघंटा तक है। जबकि अन्य ट्रेनों की औसतन स्पीड लगभग 70 से 80 किलोमीटर है, बावजूद इसके कई बार ट्रैक पर जानवरों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिससे कई बार इन ट्रेनों की स्पीड पर भी काफी फर्क पड़ता है और ट्रेनें लेट हो जाती हैं। इससे बचने के लिए रेलवे प्रबंधन की तरफ से सेफ्टी फेंसिंग का प्रपोजल बनाया गया है। इसमें ट्रैक को दोनों तरफ से बाड़े से सेफ्टी दे दी जाएगी। इसके बनने के बाद कोई जानवर या व्यक्ति ट्रैक के पास नहीं आ सकेगा। इससे दुर्घटनाओं में भी काफी हद तक कमी आएगी।

गोरखपुर रूट पर शुरू हुआ काम

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले फेज में इसे लखनऊ-गोरखपुर रूट पर तैयार किया जाना है। इसके अलावा अन्य कई रूटों पर भी सेफ्टी फेंसिंग के लिए लाइनों को चिन्हित किया जा रहा है। प्रोजेक्ट कंप्लीट करने के लिए दो फेज में काम कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का काम पूरा होने पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी।

अबतक इतना हुआ काम

इस प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ-वाराणसी और इज्जत नगर मंडल में चिन्हित 162 किलोमीटर रेल लाइन में से लगभग 135 किलोमीटर रेल लाइन के किनारे सेफ्टी फेंसिंग लगाने का काम किया जा चुका है। जिसमें लखनऊ मंडल में 47 किलोमीटर वाराणसी मंडल में अब तक 48 किलोमीटर और इज्जत नगर मंडल में लगभग 30 किलोमीटर तक रेलवे लाइन के किनारे सेफ्टी फेंसिंग लगाई जा चुकी है।

ये होगा फायदा

- ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का बचेगा समय

- ट्रेनों से होने वाली दुर्घटनाओं में भी आएगी कमी

- वंदे भारत समय अन्य टे्रनों के स्पीड में होगा इजाफा

- ट्रेनों की लेटलतीफी से होने वाली दिक्कत होगी दूर

फैक्ट फाइल

- 110 की स्पीड से वर्तमान में दौड़ रही वंदे भारत

- 70 से 80 की स्पीड में एक्सप्रेस टे्रनों की स्पीड

- 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक मिलेगी रफ्तार

- 2025 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य

रेल की पटरियों पर आए दिन जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसकी वजह से ट्रेन लेट होती है, जिसे देखते हुए सेेफ्टी फेंसिंग का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। 2025 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंच जाएगी।

-पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे