लखनऊ (ब्यूरो)। पानी के लिए साफ पानी के अभाव में तमाम बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इनमें से एक चौथाई अपनी जान तक गंवा देते हैं। जल जनित बीमारियों की वजह से होने वाली शिशु मृत्यु दर का आंकड़ा देश में 25 प्रतिशत है। पेयजल मिशन से जब हर घर में साफ पानी पहुंचेगा तो इस आंकड़े में कमी आएगी। यह बातें दो दिवसीय जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन की संयुक्त नेशनल कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन ने कही।

पानी की क्वालिटी बनाए रखेंगे

शुक्रवार से शुरू हुई कांफ्रेंस नें उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना असल चुनौती नहीं है। इससे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उसकी निरंतरता कैसे बनाए रखी जाएगी। हमें प्रतिबद्ध होना होगा कि हम सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता बनाए रखें। हमारे जलस्रोत दूषित न हों, इसके लिए हमें खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ पर फोकस करना होगा।

स्वच्छता के महत्व को बताया

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक और एडिशनल सेकेट्री डॉ। चंद्रभूषण कुमार ने कहाकि साफ पानी की चुनौती शुरू से ही रही है लेकिन जल जीवन मिशन ने इस चुनौती को ही चुनौती दी है। भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन निदेशक और ज्वाइंट सेकेट्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को एक दूसरे की पूरक योजना बताया। कर्नाटक के ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अंजुम परवेज ने कहा कि किसी कार्य को बिना दृढ़ संकल्प के पूरा नहीं किया जा सकता। इस मौके पर असम के स्पेशल चीफ सेकेट्री एस अब्बासी, बिहार के ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार चौधरी मौजूद रहे।