लखनऊ (ब्यूरो)। नाका के अंतर्गत आने वाले आर्यनगर एरिया में रहने वाले लोगों के जेहन में एक बार फिर से अलाया अपार्टमेंट हादसे की भयावह तस्वीर ताजा हो गई। इस एरिया में भी ठीक अलाया अपार्टमेंट की तरह ही तीन मंजिला दो मकान (एक निर्माणाधीन) ताश के पत्तों की तरह जमींदोज हो गए। हालांकि, पुलिस ने समय रहते मकान खाली करा लिए, जिससे कई जिंदगियां बच गईं। सूचना मिलते ही नगर निगम और एलडीए की टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने के साथ ही जांच पड़ताल का काम शुरू किया। प्राथमिक जांच में अवैध तरीके से बेसमेंट खोदाई किए जाने का मामला सामने आया है, जिसके चलते एलडीए की ओर से निर्माणकर्ता के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी किए जाने की तैयारी हो रही है।

मकान आगे की तरफ झुक गया

आर्यनगर में रहने वाले अनिल कुमार द्विवेदी और रेनू द्विवेदी का मकान है। अनिल ने हाल ही में मकान का निर्माण करवाया था, वहीं रेनू के मकान में भी पिछले कई दिनों से काम चल रहा था। इसी मकान में अमित कनौजिया का परिवार कई वर्षों से किराये पर रह रहा है। बुधवार सुबह मकान के बाहर खड़े लोगों ने देखा कि मकान आगे की तरफ झुक रहा है। यह देख किसी ने 11:30 बजे पुलिस को सूचना दी। मौके पर एसीपी कैसरबाग प्रकाश चंद्र अग्रवाल, इंस्पेक्टर राम कुमार गुप्ता अपनी टीम के साथ पहुंच गए और जांच पड़ताल शुरू की।

रस्सी लगाकर रास्ता बंद कराया

पुलिस टीम ने मकान को झुकता देख रस्सी लगाकर रास्ते को बंद करवाया और मकान के बाहर खड़े वाहनों को भी हटवाया। करीब आठ से दस मिनट बाद ही दोनों मकान भरभरा कर गिर गए। इंस्पेक्टर राम कुमार गुप्ता ने बताया कि ठेकेदार दीप को हिरासत में ले लिया गया है। तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित अमित ने बताया कि पिछले छह महीने से काम चल रहा था। कई बार मना किया और हादसा होने की बात कही, लेकिन किसी ने एक न सुनी। वह पूरे परिवार के साथ घर में थे। अगर रात में इमारत गिरती तो पूरा परिवार एक पल में खत्म हो जाता।

हर तरफ मची चीख पुकार

दोनों मकानों के गिरते ही हर तरफ चीख पुकार मच गई। चारों ओर धूल का गुबार फैला होने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं। जिस स्थान पर इमारतें गिरीं, वहां से कुछ दूरी पर ही दुकानें भी हैैं। वहां के कर्मचारी भी समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो सुरक्षित स्थान पर भागने के प्रयास में एक बुजुर्ग रामचंद्र को चोट भी लगी।

मलबे में फंस गई गृहस्थी

मकानों के मलबे में गृहस्थी भी फंस गई, जिसे निकालने के लिए पीड़ित लोग खासे प्रयास करते नजर आए। बारिश की वजह से उनकी मुश्किलें जरूर बढ़ीं, लेकिन उनकी आंखों के आंसू यह बताने के लिए काफी थे कि उनका काफी नुकसान हुआ है। नगर निगम की ओर से तत्काल मलबा उठान का काम शुरू कराया गया।

मामले की जांच कराई जा रही है। यह तो स्पष्ट है कि नियम विरुद्ध कार्य हो रहा था। पीड़ित परिवार को तत्काल प्रभाव से पीएम आवास आवंटित करा दिया गया है।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए