लखनऊ (ब्यूरो)। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत अभी तक जहां महिला सेफ्टी से जुड़े बिंदुओं पर काम किया जा रहा था। वहीं अब पब्लिक से जुड़ी समस्याओं को भी हाई रिजॉल्यूशन कैमरों के माध्यम से स्मार्ट कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेड करने की तैयारी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि इस कदम के इंप्लीमेंट होने के बाद पब्लिक से जुड़ी समस्याओं को कमांड सेंटर से सीधे देखा जा सकेगा और वहीं से ही उस समस्या को दूर भी किया जा सकेगा।

ये पांच समस्याएं होंगी इंटीग्रेटेड

सेफ सिटी के अंतर्गत तैयार हो रहा कमांड सेंटर हो या पहले से स्थापित हो चुके कंट्रोल सेंटर, दोनों से ही पब्लिक से जुड़ी समस्याओं को इंटीग्रेड किया जाएगा। ये पांच प्रमुख समस्याएं इंटीग्रेड की जाएंगी।

1- जलभराव

2- कूड़े के ढेर

3- स्ट्रीट लाइट

4- अतिक्रमण

5- वेंडिंग जोन

दो हजार कैमरे लगाए जा रहे

सेफ सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत दो हजार हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरे लगाए जा रहे हैैं। इन कैमरों को सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ वार्डों में भी लगाया जा रहा है। इन कैमरों को लगाने की वजह यही है कि कूड़े के ढेरों, खराब स्ट्रीट लाइट, रोड पर गड्डे, जलभराव इत्यादि समस्या को आसानी से चिन्हित किया जा सके और उसे समयबद्ध तरीके से दूर किया जा सके। जिससे वार्ड की जनता को उक्त समस्याओं से राहत मिल सके।

नहीं हो सकेगा फर्जी निस्तारण

कैमरों के माध्यम से जब समस्या सीधे कंट्रोल रूम पहुंचेगी तो कर्मचारियों की ओर से फर्जी तरीके से शिकायतों का निस्तारण भी नहीं किया जा सकेगा। जब कर्मचारी मौके पर जाकर समस्या का निस्तारण करेगा तो उसे भी कंट्रोल रूम से देखा जा सकेगा। इसके बाद कंट्रोल रूम से समस्या दूर होने के बाद क्लीयरेंस रिपोर्ट भी दी जाएगी।

तीन से चार महीने

उक्त सुविधा से पूरे शहर को कवर करने में अभी तीन से चार महीने लग सकते हैं। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के लिए भी कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है, वहीं पहले से ही स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। दोनों ही स्मार्ट कंट्रोल सेंटर से कैमरों को इंटीग्रेड किया जाना है। जिससे दोनों ही सेंटर्स के माध्यम से जन समस्याओं को आईडेंटीफाई किया जा सके और उसे दूर कर जनता को राहत दिलाई जा सके।

लोगों को सीधा फायदा

इस सुविधा के शुरू होने के बाद पब्लिक को सीधा फायदा पहुंचेगा। बस पब्लिक को जलभराव, रोड पर गड्ढे आदि की शिकायत को कंट्रोल रूम के नंबर तक पहुंचाना होगा और इसके बाद जल्द समस्या को दूर कर कंपलेन करने वाले व्यक्ति को फीडबैक भी दिया जाएगा। इसके साथ ही हर सप्ताह या हर 15वें दिन कंट्रोल रूम में आई कंपलेन और उनके निस्तारण को लेकर समीक्षा भी की जाएगी।

एप पर भी चल रहा काम

सेफ सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक एप पर भी काम किया जा रहा है। हालांकि अभी इस एप में कई फीचर्स जोड़े जाने हैं। अभी जो जानकारी मिली है, उससे साफ है कि अगर कोई महिला डिप्रेशन में आकर अपना फोन दो से तीन बार जमीन पर पटक देगी तो कॉल सीधे 112 पर चली जाएगी। जिसके बाद तत्काल 112 टीम की ओर से कदम उठाए जाएंगे। हालांकि अभी यह प्रारंभिक चरण में है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इस एप को फाइनल टच देने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है और इसका भी ट्रायल जल्द शुरू होने जा रहा है।

हाई रिजॉल्यूशन दो हजार कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों के माध्यम से जलभराव, अतिक्रमण समेत अन्य समस्याओं पर नजर रखी जाएगी साथ ही उक्त समस्याओं का समयबद्ध तरीके से निस्तारण भी किया जा सकेगा। हमारा प्रयास है कि जनता को बेहतर सुविधा मिले।

इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त