लखनऊ (ब्यूरो)। आने वाले वक्त में राजधानी के फैजुल्लागंज समेत कई इलाकों में साउथ अफ्रीका के शहर केपटाउन जैसे हालात हो जाएं, जहां पीने का पानी लगभग समाप्त हो चुका है, तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। इसकी वजह यह है कि राजधानी के एक दर्जन से अधिक इलाकों में अंडरग्राउंड वॉटर लेवल तेजी से गिर रहा है और हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैैं। अगर समय रहते कदम न उठाए गए तो एक बड़ी आबादी को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा। हैरानी की बात तो यह है कि सभी जानते हैैं कि अंडरग्राउंड वॉटर लेवल तेजी से गिर रहा है। बावजूद इसके 70 फीसदी से अधिक इमारतों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की कोई व्यवस्था नहीं है। इस दिशा में योजनाएं जरूर बनती हैैं, लेकिन कुछ समय बाद ही कागजों में सिमट कर रह जाती हैैं। कई इलाकों में सरकारी जलापूर्ति की व्यवस्था है, बावजूद इसके लोग घर में लगी सबमर्सिबल मशीन का ही इस्तेमाल करते हैैं और जमकर पानी का दोहन करते हैैं। राजधानी में अंडरग्राउंड वॉटर लेवल की क्या स्थिति है, किन इलाकों में खतरे की घंटी बज चुकी है, पेश है इन सवालों के जवाब खोजती यह रिपोर्ट

इस तरह गिर रहा वॉटर लेवल

एरिया 2007 2022 लेवल गिरा (मीटर)

इंदिरानगर 22.76 31.51 8.75

महानगर 26.27 40.51 14.24

अलीगंज 23.55 42.80 19.25

त्रिवेणीनगर 17.85 29.33 11.48

फैजुल्लागंज 11.20 37.39 26.19

कुकरैल 19.47 24.83 5.36

रहीमनगर 28.33 42.25 13.92

पुरानी जेलरोड 21.25 43.03 21.78

नौबस्ता 26.00 39.01 13.01

अमौसी 14.55 20.55 6.00

विनय खंड 24.35 36.01 11.66

फैजुल्लागंज में सबसे अधिक संकट

घनी आबादी वाले फैजुल्लागंज एरिया में सबसे अधिक अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन हुआ है। पिछले पंद्रह सालों की बात करें तो इस एरिया में 26.19 मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। इसे बेहद खतरनाक स्थिति माना जा सकता है। इसी तरह दूसरे नंबर पर पुरानी जेल रोड एरिया आता है। इस एरिया में पिछले पंद्रह सालों में अंडरग्राउंड वॉटर लेवल करीब 22 मीटर डाउन हुआ है। साफ है कि यहां भी कंडीशन अलार्मिंग हैं। इसी तरह पॉश एरिया अलीगंज में भी 19.25 मीटर अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन हुआ है। इस एरिया में तो लगभग हर घर में सबमर्सिबल लगे हुए हैैं। सरकारी पेयजल की सुविधा होने के बावजूद यहां पर लोगों का पूरा फोकस सबमर्सिबल से पानी के दोहन पर रहता है।

ये इलाके भी डेंजर जोन

महानगर एरिया में भी 14.24 मीटर अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन हुआ है। इस एरिया को भी पॉश एरिया की सूची में रखा जाता है। एक अन्य एरिया इंदिरा नगर के भी कई सेक्टर्स में आठ से नौ मीटर अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिरा है। आलमबाग और राजाजीपुरम एरिया में भी 30 से 40 मीटर तक अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन हुआ है। अब अगर राजधानी के विस्तारित एरियाज की बात की जाए तो नए इलाकों में भी अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिर रहा है। हालांकि, वहां की स्थिति शहर के पुराने इलाकों की तरह चिंताजनक नहीं है। अभी विस्तारित एरिया में 3 से 5 मीटर ही अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन हुआ है। अभी से ही तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है, अन्यथा गुजरते वक्त के साथ इन एरियाज में भी स्थिति खतरनाक होते देर नहीं लगेगी।

पिछले छह साल में भी भारी गिरावट

एरिया 2016 2022

महानगर 31.42 40.51

नौबस्ता 31.7 39.01

एयरपोर्ट 16.7 20.55

महानगर 31.42 40.0

जेल रोड 38.35 43.03

पिछले छह सालों में गिरावट तेज

वर्ष 2016 और वर्ष 2022 के बीच भी अंडरग्राउंड वॉटर लेवल में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। पिछले छह सालों में नौबस्ता, महानगर, एयरपोर्ट, महानगर समेत कई इलाके ऐसे हैैं, जहां वर्ष 2016 के मुकाबले अंडरग्राउंड वॉटर लेवल में 8 से 9 मीटर तक गिरावट देखने को मिली है। हजरतगंज जैसे पॉश एरिया में भी अंडरग्राउंड वॉटर लेवल खासा डाउन हुआ है। आलम यह है कि फैजुल्लागंज, आलमबाग, कृष्णानगर, इस्माइलगंज वार्ड में लगी सरकारी सबमर्सिबल फेल हो रही हैैं। जिसकी वजह से लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

इस तरह होती है जलापूर्ति

230 एमएलडी वॉटर सप्लाई ऐशबाग वॉटर वर्क्स से

110 एमएलडी वॉटर सप्लाई बालागंज से

90 एमएलडी गोमतीनगर वॉटर वर्क्स से

40 लीटर की जरूरत

विशेषज्ञों की माने तो एक व्यक्ति को औसतन हर दिन 35 से 40 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है। उसे अपनी प्यास बुझाने के लिए तीन से चार लीटर पानी की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त लोगों की ओर से हर दिन 20 से 25 लीटर पानी कार वॉशिंग, रोड वॉशिंग इत्यादि में खर्च कर दिया जाता है। पानी की वेस्टेज का सीधा असर अंडरग्राउंड वॉटर लेवल पर देखने को मिलता है।

उठाने होंगे ये कदम

1-अंडरग्राउंड वॉटर लेवल के दोहन पर रोक

2-बिना परमीशन सबमर्सिबल लगाने की अनुमति न मिले

3-जनता को पेयजल बचाने के लिए जागरूक किया जाए