- 17वीं विधानसभा में चालीस महिला विधायक चुन कर आई

- बड़े राजनैतिक घरानों की महिलाओं ने भी खूब दिखाया दम

- सपा की केवल एक महिला प्रत्याशी जीती, भाजपा की 34

LUCKNOW: यूपी विधानसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों ने खूब दम दिखाया नतीजतन करीब दस फीसद महिला विधायक चुनी गयी। आजादी के बाद यूपी में पहली बार विधानसभा में चालीस महिला विधायकों ने दस्तक दी है जिससे अब महिलाओं के हित की बात विधानसभा के गलियारों में गूंजने की आस जगी है। कई जगहों पर महिला प्रत्याशियों ने पुरुषों को चुनाव अखाड़े में पटखनी देकर अपनी सियासी सूझ-बूझ का प्रदर्शन किया। कई सीटें ऐसी भी रहीं जहां महिला प्रत्याशियों के बीच टक्कर पर पूरे देश की नजरें टिकी रहीं।

गरिमा और रीता ने मारी बाजी

चुनाव में अमेठी में कांग्रेस सांसद संजय सिंह की दोनों पत्नियों के बीच मुकाबला सबसे रोचक रहा। दोनों की लड़ाई में सपा सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री माने जाने वाले गायत्री प्रजापति को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही गरिमा सिंह ने अमिता सिंह को करारी शिकस्त दी। वहीं दूसरी ओर लखनऊ कैंट सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधू अपर्णा यादव और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं सिटिंग विधायक डॉ। रीता बहुगुणा जोशी के बीच भी जोरदार मुकाबला हुआ हालांकि रीता ने अपर्णा को दोगुना वोटों से हराकर जीत अपने नाम दर्ज करा ली। गौरतलब है कि मुलायम की बड़ी पुत्रवधू डिंपल यादव भी अपना पहला चुनाव हार गयी थी। उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राज बब्बर ने शिकस्त दी थी।

बाहुबलियों के परिजनों का जोश

चुनाव में बाहुबलियों की पत्‍‌नी और बेटियों ने भी पूरा दम-खम दिखाया है। रायबरेली सदर सीट से अदिति सिंह को मिली जीत से साबित हो गया कि यूपी मे राजनीति में बाहुबलियों का दखल खत्म करना आसान नहीं है। यह सीट लगातार बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह के खाते में जाती रही है। इसी तरह गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से अलका राय ने अपने पति के हत्यारोपी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई सिगबतुल्ला अंसारी को मात दी। बिजनौर में शुचि चौधरी ने जेल में कैद अपने पति मौसम चौधरी की जगह चुनाव लड़ा और सपा की सिटिंग विधायक रुचि वीरा को हराया। मिलक में बाहुबली विजय सिह को भाजपा की राजबाला ने चुनाव में चित कर दिया। इलाहाबाद की मेजा सीट से बाहुबली उदयभान करवरिया की पत्‍‌नी नीलम करवरिया ने चुनाव लड़ा और सपा प्रत्याशी को बीस हजार वोटों से हराया।

लखनऊ में जीतीं तीन सीटें

वहीं राजधानी लखनऊ में तो भाजपा की महिला प्रत्याशियों ने नौ में से तीन सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। सरोजनीनगर सीट से स्वाति सिंह को जिताने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं रीता बहुगुणा को अपर्णा को हराना कोई मुश्किल नहीं रहा। मलिहाबाद में सांसद कौशल किशोर की पत्नी जय देवी ने पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। ध्यान रहे कि महिला अपराधों को लेकर राजधानी पिछले पांच साल के दौरान निशाने पर रही और विपक्ष ने इसे गाहे-बेगाहे मुद्दा भी बनाया। अब राजधानी से तीन महिला विधायकों के जीतने के बाद महिला अपराधों के मामले में पुलिस को खासा संवेदनशील रुख अपनाना पड़ेगा।

मोना का रसूख बरकरार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री आराधना मिश्रा उर्फ मोना ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर इस इलाके में अपना रसूख कायम रहने का प्रमाण दे दिया। वहीं सपा की केवल एक महिला विधायक चुनकर आ सकी, संभल की असमोली सीट से पिंकी यादव ने भाजपा के नरेंद्र सिंह को करीब 21 हजार वोटों से हराया। इसी तरह सपा से भाजपा में गयीं रानी पक्षालिका सिंह भी आगरा के बाह से चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। वहीं बसपा की केवल दो महिला प्रत्याशी चुनाव जीत सकीं। जौनपुर की मुंगरा बादशाहपुर सीट से सुषमा पटेल और आजमगढ़ की सगड़ी सीट से वंदना सिंह को जीत हासिल हुई है। वहीं अपना दल सोनेलाल पटेल गुट की लीना तिवारी भी जौनपुर की मडि़याहूं सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहीं।

2017 में जीतीं महिला विधायक

भाजपा - 34

बसपा - 2

कांग्रेस - 2

सपा - 1

अपना दल - 1

पिछले चुनावों में प्रदर्शन

वर्ष महिला विधायक

1952- 20

1957 - 18

1962 - 20

1967 - 6

1969 - 18

1974 - 21

1977 - 11

1980 - 23

1985 - 31

1989 - 18

1991 - 10

1993 - 14

1996 - 20

2002 - 26

2012 - 35

2017 - 40